देहरादूनः उत्तराखंड वन विभाग को 8 आईएफएस अधिकारी मिलने जा रहे हैं. दरअसल राज्य वन सेवा के आठ अधिकारियों की (डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी) डीपीसी की बैठक यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) दिल्ली में होने जा रही है. जिसके बाद लंबे समय से प्रमोशन का इंतजार कर रहे सीनियर असिस्टेंट कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट (ACF) अफसरों को भारतीय वन सेवा (IFS) में प्रमोट कर दिया जाएगा. यूपीएससी में डीपीसी बैठक के लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु और वन विभाग के मुखिया धनंजय मोहन शामिल हुए हैं.
रेंजर से आईएफएस तक का सफर
उत्तराखंड वन विभाग के सीनियर एसीएफ अफसरों को बड़ी खुशखबरी मिलने जा रही है. दरअसल पिछले लंबे समय से अपने प्रमोशन का इंतजार कर रहे इन अधिकारियों की यूपीएससी में डीपीसी होने जा रही है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु और प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन भी इस बैठक में शामिल हुए हैं. खास बात यह है कि डीपीसी होने के बाद उत्तराखंड को 8 आईएफएस अधिकारी मिल जाएंगे. ये वो अधिकारी हैं जो विभाग में रेंजर से आईएफएस अफसर तक का सफर तय करने वाले हैं.
इन अफसरों की होगी आईएफएस में पदोन्नति
उत्तराखंड वन विभाग में जिन आठ अधिकारियों की आईएफएस के रूप में पदोन्नति होने जा रही है. उनमें अनिल टम्टा, करुणा निधि भारती, उमेश चंद्र तिवारी, नवीन चंद्र पंत, प्रकाश चंद्र आर्य, रंगनाथ पांडे, देवी प्रसाद बलूनी और ध्रुव सिंह मर्तोलिया का नाम भी शामिल है. इसमें अनिल टम्टा इसी महीने 30 नवंबर को रिटायर्ड होने जा रहे हैं. अनिल टम्टा जलागम में लंबे समय से तैनात हैं. ऐसे में रिटायरमेंट से पहले उन्हें शासन बड़ी खुशखबरी देने जा रहा है.
सीनियर एसीएफ का प्रमोशन 2020 से 2023 के बीच की रिक्ति के सापेक्ष किया जा रहा है. इसमें साल 2020 से अनिल टम्टा जबकि साल 2021 में पांच अधिकारी जिसमें करुणा निधि भारती, उमेश चंद्र तिवारी, नवीन पंत, प्रकाश चंद्र आर्य और रंगनाथ पांडे और 2022 से डीपी बलूनी, ध्रुव सिंह मर्तोलिया को रिक्ति के सापेक्ष प्रमोशन मिलना था. ध्रुव सिंह मर्तोलिया हाल ही में बिनसर वन्यजीव विहार में लगी आग के मामले में निलंबित हो गए थे. लेकिन बाद में उनका निलंबन वापस ले लिया गया था. और इसीलिए अब उन्हें प्रमोशन का लाभ मिल रहा है.
ये था प्रमोशन न होने का कारण
दरअसल, एसीएफ अधिकारियों के बीच सीनियरिटी विवाद के चलते इन अधिकारियों का समय से प्रमोशन नहीं हो पाया था. और यह मामला कोर्ट में होने के कारण लटक गया था. लेकिन बाद में विवाद खत्म होने के बाद अब शासन इन्हें प्रमोशन का लाभ देने जा रहा है. राज्य वन सेवा से आईएफएस में साल 2020 में दो पद, साल 2021 में 7 पद और साल 2022 में 13 पद खाली चल रहे हैं.
इसके लिए उत्तराखंड शासन में लंबे समय से कसरत चल रही थी और इसके बाद इस पर अंतिम मोहर लगाते हुए बुधवार को शाम 5 बजे UPSC में DPC की बैठक तय की गई थी. जिसके लिए संबंधित अधिकारी दिल्ली रवाना हुए थे.