देहरादून: केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है. जिसके बाद कांग्रेस ने विधानसभा उपचुनाव में आए जनादेश का सम्मान किया है. साथ ही विजयी प्रत्याशी को बधाई देते हुए बीजेपी पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने बयान जारी कर आरोप लगाया है कि बीजेपी ने नामांकन के दिन से ही तंत्र का जमकर दुरुपयोग किया. उनका कहना है कि कांग्रेस लगातार आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत चुनाव आयुक्त से करती रही, लेकिन बीजेपी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई देखने को नहीं मिली.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि हमारे प्रयासों के अनुरूप परिणाम नहीं मिले. केदारनाथ विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबले के कारण आंकड़े हमारे पक्ष में नहीं आए. इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि केदारनाथ उपचुनाव के अंतिम दो दिनों में बीजेपी की ओर से धन बल का जमकर इस्तेमाल किया गया. बीजेपी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य के वाहन में खुलेआम शराब की पेटियां पकड़ी गई, उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई.
करन माहरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि केदारनाथ विधानसभा का उपचुनाव मुख्यमंत्री और बीजेपी की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ चुनाव था, इसलिए बीजेपी ने जहां तंत्र और धन का पूरा दुरुपयोग किया. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी सत्ता विरोधी वोटों को बांटने में सफल रही, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने संसाधनों के बगैर भी एकजुट होकर पूरी शक्ति के साथ चुनाव लड़ा.
समीक्षा कर हार के कारणों का लगाया जाएगा पता
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से तैयार है और जो कमी इस विधानसभा उपचुनाव में रही होगी, उसकी जल्द समीक्षा कर हार के कारणों को तलाशा जाएगा और उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा.
बीजेपी की जीत, जनता की हार
इधर, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की हार पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका मानना है कि यह हार सिर्फ कांग्रेस की नहीं, बल्कि केदारनाथ की जनता और समूचे प्रदेश की हार है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवा रोजगार की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें यह रोजगार नहीं मिल पा रहा है. आज महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. इन सबके बावजूद बीजेपी अगर केदारनाथ का उपचुनाव जीत गई है तो यह जीत बीजेपी की नहीं, उत्तराखंड की जनता की हार है.