उत्तराखंड में भाई के शव को बोलेरो की छत पर बांधकर ले गई थी बहन, अब एंबुलेंस को लेकर एसओपी बनाने मे जुटी सरकार

खबर उत्तराखंड

देहरादून: बीते दिनों हल्द्वानी से इंसानियत को शर्मसार करने वाली ऐसी तस्वीर सामने आई थी, जिसने सरकार और सिस्टम पर कई तरह के सवाल खड़े किए. जहां एक बहन को अपने भाई का शव ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं मिला. आखिर में मजबूरन भाई के शव को बोलेरो की छत पर बांध कर ले जाना पड़ा. साथ ही वो सिस्टम को भी कोसकर गई. वहीं, मामले पर सरकार की किरकिरी हुई. जिसके बाद अब सीएम धामी ने एंबुलेंस और एयर एंबुलेंस को लेकर एसओपी बनाने के निर्देश दिए हैं.

दरअसल, बीती 7 दिसंबर को हल्द्वानी में किराये पर रहकर नौकरी करने वाली शिवानी को भाई की लाश ले जाने के लिए कई लोगों के पास गिड़गिड़ाना पड़ा था, लेकिन गरीब और लाचार बहन को देख किसी बी व्यक्ति का दिल नहीं पसीजा. शिवानी के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो अपने भाई के शव को एंबुलेंस से घर ले जा सके. शिवानी ने कई एंबुलेंस संचालकों से बात की तो किसी ने 10 हजार तो किसी ने 12 हजार रुपए मांगे.

ऐसे में पैसे की कमी के कारण आखिर में शिवानी ने अपने गांव के टैक्सी संचालक से संपर्क किया. इसके बाद गांव से गाड़ी हल्द्वानी पहुंची. जिसके बाद शिवानी वाहन की छत पर भाई के शव को बांधकर गांव ले गई. बताया जा रहा है शिवानी के साथ उसका भाई अभिषेक भी हल्द्वानी में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था. अभिषेक की हल्द्वानी में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई.

इस मामले में स्वास्थ्य सचिव ने हल्द्वानी के चिकित्सा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है. साथ ही ये भी पूछा है कि आखिरकार एंबुलेंस क्यों उपलब्ध नहीं हो पाई? उधर, इस पूरे घटनाक्रम के बाद सीएम पुष्कर धामी ने उच्च स्तरीय बैठक ली. जिसमें सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अगर किसी भी शव को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना है तो जिलाधिकारी उसकी व्यवस्था करेंगे. आगे से इस तरह की खबरें या तस्वीरें दोबारा से सामने न आएं.

एसओपी बनाने के निर्देश

वहीं, उच्च स्तरीय बैठक में सीएम धामी ने अधिकारियों को जरूरतमंदों को समय पर एंबुलेंस और एयर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं, जिसे लेकर एसओपी (मानक प्रचालन प्रक्रिया) तैयार करने को कहा है. उन्होंने ये भी निर्देश दिए कि अस्वस्थता के कारण किसी की मौत होने पर दाह संस्कार करने में असक्षम आर्थिक रूप से कमजोर परिवारजनों को आर्थिक सहायता या मृतक के दाह संस्कार की व्यवस्था भी संबंधित जिले के जिलाधिकारी सुनिश्चित करेंगे.

पिथौरागढ़ की घटना के बाद सीएम धामी ने सख्त लहजे में कहा है कि ऐसे किसी भी परिवार जिन्हें मृतक के शव को उनके घर तक पहुंचाने के लिए आर्थिक समस्या हो रही हो, ऐसे व्यक्ति के शव को एंबुलेंस से घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी या व्यवस्था अपने स्तर से जिलाधिकारी करेंगे. अगर कहीं से इस तरह की सूचना या तस्वीर सामने आती है तो उसकी जवाबदेही जिलाधिकारी की होगी.

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