पौड़ी बस हादसे मे धामी ने लिया कड़क एक्शन, जिला हॉस्पिटल से तलब की रिपोर्ट, हादसे मे मृतकों के परिजनों को 3 लाख का अतिरिक्त मुआवजा देने का किया ऐलान

खबर उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार 14 जनवरी को सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी जिला हॉस्पिटल की समस्याओं पर रिपोर्ट तलब की. साथ ही सीएम धामी ने पौड़ी जिलाधिकारी और स्वास्थ्य विभाग को पौड़ी जिला हॉस्पिटल में सभी मूलभूत सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.

इसके अलावा सीएम धामी ने पौड़ी बस हादसे में मरने वाले लोगों के परिजनों को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से तत्काल अतिरिक्त तीन लाख रुपए और गंभीर रूप से घायलों को एक-एक लाख की धनराशि उपलब्ध करना के निर्देश दिए है. बता दें कि इससे पहले सरकार ने पौड़ी बस हादसे में मरने वाले लोगों के परिजनों को चार लाख रुपए और गंभीर घायलों को एक-एक लाख की आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी. वहीं अब मृतकों को परिजनों को तीन लाख रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे. और घायलों को एक-एक लाख रुपए.

मुख्यमंत्री ने बस हादसे के कारणों की जांच कर परिवहन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाही करने के भी निर्देश दिए. गौरतलब हो कि रविवार शाम को पौड़ी गढ़वाल में बस गहरी खाई में गिर गई थी. इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं 22 लोग घायल हुए थे. घायलों को पौड़ी जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, लेकिन पौड़ी हॉस्पिटल में घायलों को सही से उपचार नहीं मिल पाया था, जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने काफी हंगामा किया था.

इसके अलावा सोमवार को स्थानीय व्यापारियों ने भी पौड़ी जिला हॉस्पिटल की लचर स्वास्थ्य सुविधाओं पर शहर का बाजार बंद कर अपना रोष व्यक्त किया था. दरअसल, पौड़ी बस हादसे के घायलों को जब पौड़ी जिला हॉस्पिटल लाया गया था, तो वहां पर बिजली ही गुल हो गई थी. जिस कारण डॉक्टरों ने मोबाइल टॉर्च की रोशनी में घायलों का उपचार किया.

इन सब बातों का मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान लिया और सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर पौड़ी गढ़वाल जिलाधिकारी व स्वास्थ्य विभाग को तत्काल मूलभूत सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराने को कहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उत्तराखंड में दूर दराज तक स्वास्थ्य सेवाओं का नेटवर्क उपलब्ध है. ऐसे में अस्पतालों में गंभीर बीमार या घायलों के उपचार में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए. इसके लिए प्रदेश भर के अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं के साथ ही आवश्यक दवाई ओर मेडिकल स्टॉफ की उपलब्धता हर वक्त सुनिश्चित की जाए.

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