उत्तराखंड के सभी सरकारी कर्मचारियों की ‘मिशन कर्मयोगी’ के तहत लेनी होगी ऑनलाइन ट्रेनिंग, CS राधा रतूड़ी ने दिए iGOT प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करने के निर्देश

खबर उत्तराखंड

देहरादून: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी सरकारी कार्मिकों को ‘मिशन कर्मयोगी’ के तहत क्षमता विकास के ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए iGOT डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण के निर्देश दिए हैं. उन्होंने साफ कहा है कि सभी कार्मिकों को पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. साथ ही मामले में शत प्रतिशत लक्ष्य को समयबद्धता से पूरा करने को कहा है.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी विभागों में कार्यस्थल पर महिलाओं के खिलाफ होने वाले यौन शोषण से संबंधित कानून की जानकारी एवं प्रशिक्षण के कार्यक्रम तत्काल संचालित करने को कहा है. जिसके लिए सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास को खास निर्देशित किया है.

इसके अलावा उन्होंने सभी विभागों के सचिवों एवं विभागाध्यक्षों को उनके विभाग के तहत संचालित की जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के लिए भी जानकारी और जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिए. ताकि, ज्यादा से ज्यादा लोग जनकल्याणकारी योजनाओं का आसानी से लाभ उठा सकें.

सीएस राधा रतूड़ी ने क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) की सदस्य अलका मित्तल के साथ सभी विभागों के सचिवों एवं विभागाध्यक्षों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान क्षमता निर्माण आयोग से अनुरोध किया कि सरकारी कार्मिकों की भांति ही नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएं.

ताकि, उन्हें भी प्रशासनिक प्रक्रियाओं और योजनाओं की जानकारी मिल सके. इसके साथ ही उन्होंने आग्रह किया कि लोगों के लिए विकसित भारत समेत सभी जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी एवं जागरूकता से संबंधित प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए.

बैठक में क्षमता निर्माण आयोग की सदस्य अलका मित्तल ने बताया कि कर्मयोगी मिशन के तहत सरकार का मुख्य फोकस सभी सरकारी कार्मिकों के क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण पर है. अभी तक 100 केंद्रीय संगठनों के लिए क्षमता निर्माण योजनाएं बन चुकी हैं. सिविल सर्विस प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय मानक निर्धारित करते हुए 166 संस्थानों को मान्यता दी गई है.

iGOT डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 75 लाख अधिकारियों की हो चुकी ट्रेनिंग

उन्होंने बताया कि 10 लाख सिविल सेवकों के लिए बड़े स्तर पर जनसेवा कार्यक्रम प्रशिक्षण कार्यक्रम किए जा रहे हैं. iGOT डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 75 लाख अधिकारियों को ट्रेनिंग दिया जा चुका है. वहीं, 14 राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों के साथ मिशन कर्मयोगी को लागू करने के लिए एमओयू किए गए हैं.

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