देहरादून/दिल्ली: उत्तराखंड को प्लास्टिक मुक्त करने के मकसद से समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन ये अभियान महज खानापूर्ति ही साबित होते हैं. यही वजह है कि उत्तराखंड में प्लास्टिक कचरे पर प्रतिबंध मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट नाराजगी जता चुका है. ऐसे में अब सरकार ने उत्तराखंड को प्लास्टिक मुक्त बनाने को लेकर बेहतर कार्य योजना के साथ अभियान चलाने का निर्णय लिया है. जिसमें जनता को जागरूक करने के साथ ही जन सहभागिता की दिशा में भी प्रयास किया जाएगा.
‘प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड’ अभियान पर जोर
दरअसल, आज यानी 30 जनवरी को नई दिल्ली के उत्तराखंड सदन से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन स्तरीय अधिकारियों की वर्चुअली बैठक ली. बैठक में सीएम धामी ने प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड (Uttarakhand Plastic Waste), स्वच्छता और फिट इंडिया मूवमेंट के लिए बेहतर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए. इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि ‘प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड’ अभियान को और ज्यादा व्यापक स्तर पर चलाया जाए.
देवभूमि उत्तराखंड अपने नैसर्गिक सौंदर्य के साथ ही पर्यटन और जैव विविधता की दृष्टि से भी काफी अहम राज्य है. ऐसे में पर्यावरण और जैव विविधता के संरक्षण के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत हैं. उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने में स्कूलों, कॉलेजों, गैर सरकारी संस्थानों और व्यापारिक संगठनों को भी जोड़ा जाए. क्योंकि, किसी भी अभियान की सफलता के लिए जन भागीदारी ज्यादा महत्वपूर्ण है.
प्लास्टिक बोतल पर क्यूआर कोड की व्यवस्था करने के निर्देश
सीएम धामी ने अधिकारियों को केदारनाथ धाम की तरह राज्य के अन्य धार्मिक और पर्यटक स्थलों पर ‘प्लास्टिक बोतल पर क्यूआर कोड’ की व्यवस्था करने के निर्देश दिए. ताकि, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में मदद मिल सके. साथ ही स्वच्छता के उच्च मानक स्थापित करने और लोगों को स्वस्थ वातावरण देने के लिए स्वच्छता की दिशा में प्रभावी प्रयास करने को कहा.
चारधाम यात्रा मार्ग समेत पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों के 500 मीटर के दायरे में डस्टबिन लगाने के निर्देश
सीएम पुष्कर धामी ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत खासकर चारधाम यात्रा मार्ग, पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर हर 500 मीटर की दूरी पर डस्टबिन लगाए जाने के निर्देश दिए. साथ ही बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा करने के लिए अधिकारियों को अहम निर्देश दिए.
डोर-टू-डोर कूड़े का कलेक्शन बढ़ाने के निर्देश
वहीं, सीएम धामी ने शत प्रतिशत डोर-टू-डोर कूड़े का कलेक्शन करने, गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग रखने के लिए लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था को और ज्यादा बेहतर बनाने को भी कहा. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि राज्य में स्वच्छता के क्षेत्र में और तेजी से काम किया जाए. इसके लिए निकाय चुनाव में निर्वाचित पदाधिकारियों की शपथ के बाद उनके साथ एक बैठक की जाएगी.
उत्तराखंड से गंगा नदी में जाएं स्वच्छ जल
उन्होंने कहा कि सभी नगर निगमों में लीगेसी वेस्ट का कार्य जल्द पूरा किया जाए. अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तराखंड से गंगा नदी में स्वच्छ जल जाए. इसके लिए गंगा की सहायक नदियों में भी स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जाए. स्वच्छता सर्वेक्षण में निकायों की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छता के मानकों की घोषणा की व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही राष्ट्रीय खेलों के दौरान भी स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए.
शैक्षणिक संस्थानों में रोजाना योग और व्यायाम की गतिविधियां करवाने के निर्देश
सीएम धामी ने ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ को और ज्यादा प्रभावी बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में रोजाना योग और व्यायाम की गतिविधियां करवाई जाएं. ग्राम पंचायत स्तर पर ओपन जिम की राज्य सरकार की योजना पर और प्रभावी तरीके से किए जाएं. स्वस्थ उत्तराखंड के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार जागरूकता कैंप लगाए जाएं. साथ ही स्वास्थ्य परीक्षण के लिए व्यवस्थाएं भी की जाए.
जंक फूड से होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर जागरूक करने के निर्देश
वहीं, सीएम धामी ने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट के तहत प्रदेश में संतुलित आहार के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए. स्वस्थ आहार और जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाए. जंक फूड से होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा. राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए. साथ ही उन्होंने मिलावटखोरी पर रोक लगाने के लिए सघन चेकिंग अभियान चलाने को कहा.