AAP की हार का पंजाब में इफेक्ट… केजरीवाल ने दिल्ली में बुलाई मान सरकार के मंत्रियों-विधायकों की बैठक

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दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को भाजपा के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा है. चुनाव नतीजे आने के एक दिन बाद AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने 11 फरवरी को दिल्ली में पंजाब के अपने सभी विधायकों और मंत्रियों की बैठक बुलाई है. यह बैठक दिल्ली के कपूरथला हाउस (राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पंजाब के मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास) में होगी. सभी विधायकों को इसकी जानकारी दे दी गई है और उन्हें 11 फरवरी को अपने सभी प्रस्तावित कार्यक्रम रद्द करने के लिए कहा गया है.

अरविंद केजरीवाल ने यह बैठक कांग्रेस नेता और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के उस दावे के बाद बुलाई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि AAP के करीब 30 विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं. बाजवा के अलावा राज्य के कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी AAP  विधायकों के अपनी पार्टी के संपर्क में होने की बात कही. आम आदमी पार्टी पहले भी भाजपा पर पंजाब में ‘ऑपरेशन लोटस’ के तहत उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाती रही है. लेकिन इस बार कांग्रेस ने AAP विधायकों के संपर्क में होने का दावा किया है.

मुख्यमंत्री भगवंत मान पिछले तीन दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए थे. वह 9 फरवरी को पंजाब पहुंचे. इसके तुरंत बाद, सोमवार को होने वाली कैबिनेट बैठक 13 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई. बता दें कि पंजाब में गत चार महीने में यह पहली कैबिनेट बैठक होगी, जो इससे 6 फरवरी के लिए निर्धारित की गई थी, लेकिन बाद में इसे 10 फरवरी के लिए टाल दिया गया था. दिल्ली चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन (आम आदमी पार्टी 70 में से सिर्फ 22 सीटें जीत सकी) के बाद AAP के शीर्ष नेतृत्व का ध्यान पंजाब पर केंद्रित हो गया है, जो अब एकमात्र राज्य है, जहां पार्टी की सरकार है.

पंजाब में 2022 में AAP को मिली थी प्रचंड बहुमत

हालांकि, इस बैठक के एजेंडे को गुप्त रखा गया है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल पार्टी विधायकों को दिल्ली में मिली हार से निराश नहीं होने के लिए मोटिवेट करेंगे. केजरीवाल पंजाब के विधायकों को संदेश देना चाहेंगे कि वे ‘सत्ता’ के दंभ को खुद पर हावी न होने दें और अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं के साथ ‘आम आदमी’ के रूप में फिर से जुड़ें. बता दें कि पंजाब में अगला विधानसभा चुनाव 2027 में होना है. 2022 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में 92 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ राज्य में सत्ता हासिल की थी.

दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए, जहां भाजपा 27 साल बाद सत्ता में आई और AAP के एक दशक लंबे शासन को समाप्त कर दिया, पंजाब के नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया कि वह राज्य में AAP विधायकों के साथ लंबे समय से संपर्क में हैं. उन्होंने दावा किया कि AAP विधायकों को एहसास हो गया है कि अगले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सत्ता में वापसी नहीं करने जा रही. अन्य विपक्षी नेताओं ने भी पंजाब में AAP के भीतर संभावित टूट और राज्य की सरकार में फेरबदल की भविष्यवाणी की.

दिल्ली के नतीजे AAP के अंत की शुरुआत: बाजवा

प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, ‘दिल्ली के नतीजे AAP के अंत की शुरुआत की ओर इशारा करते हैं. पंजाब के लोगों ने तथाकथित कट्टर इमानदार पार्टी का असली चेहरा भी देख लिया है. केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाबियों को बेवकूफ बनाया और 2022 में उनके वोट हासिल करने के लिए पंजाब में बड़े-बड़े वादे किए.’ कांग्रेस नेता ने आगे दावा किया कि अरविंद केजरीवाल के लुधियाना से चुनाव लड़ने और पंजाब सरकार में शामिल होने की संभावना है, जो वर्तमान में खाली है.

केजरीवाल की नजर अब पंजाब CM बनने पर: BJP

पंजाब भाजपा के नेता सुभाष शर्मा ने भी यह दावा किया कि केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री बन सकते हैं. बता दें कि AAP दिल्ली पर 2015 से शासन कर रही थी. उसके 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में 62 विधायक थे. गत 5 फरवरी को हुए चुनाव में वह 22 सीटों पर सिमट गई और भारतीय जनता पार्टी ने 1993 के बाद पहली बार दिल्ली में जीत हासिल की. आतिशी और गोपाल राय को छोड़कर आम आदमी पार्टी के सभी बड़े नेता चुनाव हार गए. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक, सत्येंद्र जैन, सोमनाथ भारती, अवध ओझा को अपनी अपनी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा.

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