देहरादून: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद लोगों में अभी भी तमाम भ्रांतियां मौजूद हैं. इसी बीच सोशल मीडिया पर UCC से जुड़ी कुछ जानकारियां प्रचारित की जा रही हैं. ये जानकारियां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लेटर पैड और उनकी फोटो के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. जिसमें ये कहा गया है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने की तिथि से यानी 27 जनवरी 2025 के बाद की शादी के लिए धर्मगुरुओं से सर्टिफिकेट लेना होगा जिसको विवाह रजिस्ट्रेशन के लिए अनिवार्य किया गया है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ गलत जानकारी वाला लेटर
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र को “अनिवार्य आवश्यक सूचना” बताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लेटर पैड पर आठ बिंदुओं के साथ प्रचारित किया जा रहा है.
जिसमें शादी विवाह से संबंधित तमाम जानकारियों का जिक्र किया गया है. जबकि वास्तव में यूनिफॉर्म सिविल कोड में धर्मगुरुओं के सर्टिफिकेट को अनिवार्य नहीं किया गया है. हालांकि कुछ मामलों में धर्मगुरुओं से सर्टिफिकेट लेने की बात कही गई है. लेकिन किसी भी सामान्य शादी विवाह में धर्मगुरुओं के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस पत्र को लेकर सूचना एवं लोक संपर्क विभाग अलर्ट हो गया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र पर डीआईपीआर उत्तराखंड ने इसे फेक बताया है और इस बात पर जोर दिया है कि मुख्यमंत्री के नाम से सोशल मीडिया पर डाली गई यह पोस्ट फर्जी है. DIPR की ओर से X पर जानकारी दी गई है कि-
‘मुख्यमंत्री के नाम से सोशल मीडिया पर डाली गई यह पोस्ट फर्जी है. मुख्यमंत्री के नाम का इस तरह इस्तेमाल करना कानूनन अपराध है. इस मामले की गंभीरता से जांच कराई जा रही है. जिस किसी ने भी यह हरकत की है, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही जो कोई भी इस फर्जी पोस्ट को शेयर करेगा उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी‘.