शीतकालीन प्रवास पर 27 फरवरी को देवभूमि आएंगे PM मोदी, CM धामी ने किया था अनुरोध

खबर उत्तराखंड

देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड से विशेष लगाव रखने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 फरवरी को शीतकालीन प्रवास पर राज्य के दौरे पर आएंगे। सूत्रों के अनुसार, शासन को इस संबंध में प्रारंभिक सूचना मिल गई है, लेकिन आधिकारिक कार्यक्रम अभी उपलब्ध नहीं हुआ है।

यद्यपि, प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दृष्टिगत शासन तैयारियों में जुट गया है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री इस दिन उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल मुखबा का दौरा करने के साथ ही हर्षिल अथवा बगोरी में रात्रि विश्राम कर सकते हैं। राज्य में शीतकालीन यात्रा व पर्यटन को बढ़ावा के मद्देनजर प्रधानमंत्री के दौरे को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

राज्य सरकार पर्यटन पर दे रही जोर

राज्य सरकार उत्तराखंड में तीर्थाटन और पर्यटन पर विशेष जोर दे रही है। इसी कड़ी में चार धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट बंद होने के बाद इन धामों के शीतकालीन गद्दीस्थलों की यात्रा शुरू की गई है। इसके पीछे सरकार की मंशा यही है कि राज्य में तीर्थाटन व पर्यटन के लिए लोग वर्षभर आएं।

हाल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर राज्य में शुरू की गई शीतकालीन यात्रा की जानकारी दी थी। साथ ही उनसे उत्तराखंड के किसी शीतकालीन पर्यटन स्थल का दौरा करने का अनुरोध किया था।

प्रधानमंत्री मोदी 28 जनवरी को जब राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन के लिए देहरादून आए थे, तब उन्होंने शीतकालीन यात्रा के प्रयास की सराहना की थी। साथ ही शीतकालीन यात्रा का हिस्सा बनने की बात कही थी। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड से विशेष अनुराग है और वह इसे अपना दूसरा घर मानते हैं। केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण उनके ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा है और इसके चलते आज केदारपुरी नए कलेवर में निखर चुकी है।

बदरीनाथ धाम को भी मास्टर प्लान के अनुरूप विकसित किया जा रहा है तो गंगोत्री व यमुनोत्री में भी कई कार्य स्वीकृत किए गए हैं। प्रधानमंत्री को जब भी समय मिलता है, वह देवभूमि आते हैं। केदारनाथ धाम समेत चारधाम यात्रा की ब्रांडिंग में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अब उनके दौरे को शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने और इसकी ब्रांडिंग की दृष्टि से अहम माना जा रहा है। यदि वह गंगोत्री धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल का दौरा करते हैं और वहां रुकते हैं तो स्वाभाविक रूप से शीतकालीन यात्रा की ब्रांडिंग होगी।

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