देहरादून।: चमोली जिले में माणा के पास हुए हिमस्खलन की घटना के बाद उच्च हिमालयी क्षेत्र में पर्यटकों व ट्रेकर की सुरक्षा को लेकर सरकार सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में औली, हर्षिल समेत अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों के रिसार्ट व टेंट कालोनियों में डेरा डाले सैलानियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा।
चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिलों में दो हजार मीटर व उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तीन मार्च तक बर्फबारी, हिमस्खलन और आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी के दृष्टिगत यह कदम उठाया गया है।
मुख्यमंत्री ने सैलानियों को अगले तीन दिन इन क्षेत्रों की यात्रा न करने की अपील भी की है। साथ ही हिमस्खलन की संभावना को देखते हुए उच्च हिमालयी क्षेत्रों में सड़क समेत अन्य निर्माण कार्य इस माह तक रोकने के निर्देश भी दिए हैं। उधर, बर्फ से ढके पांच ब्लाकों के जिन गांवों में संचार सेवा ठप है, वहां वायरलेस नेटवर्क की बहाली प्रयास शुरू किए जा रहे हैं।
2000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमस्खलन की चेतावनी
डीजीआरई (डिफेंस जियोफार्मेटिक्स रिसर्च इस्टेब्लिशमेंट) चंडीगढ़ ने राज्य के 2000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है।
इसके साथ ही मौसम विभाग ने भी तीन मार्च तक पिथौरागढ़, बागेश्वर, उत्तरकाशी, चमोली व टिहरी जिलों के अधिकांश क्षेत्रों में गर्जन के साथ आकाशीय बिजली गिरने का पूर्वानुमान जारी किया है। इस सबको देखते हुए मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने सभी संबंधित जिलों के डीएम को पत्र भेजकर एडवाइजरी जारी की है।
आपदा प्रबंधन सचिव ने दिए निर्देश
आपदा प्रबंधन सचिव ने संबंधित जिलाधिकारियों को डीजीआरई व मौसम विभाग के पूर्वानुमान के दृष्टिगत संबंधित क्षेत्रों में पर्यटकों, ट्रेकिंग को आ रहे सैलानियों और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने को कहा है।
साथ ही तीन मार्च तक पहाड़ी क्षेत्रों में सैलानियों को आने से रोकने के लिए जागरूक करने पर जोर दिया है, ताकि हिमस्खलन की दुर्घटनाओं से बचा जा सके। जिलाधिकारियों को किसी भी स्थिति से निबटने के लिए विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।