देहरादूनः चमोली के माणा इलाके में हिमस्खलन के बाद लापता हुए बीआरओ के पांच अन्य कर्मचारियों की तलाश और बचाव अभियान में तैनाती के लिए भारतीय वायुसेना द्वारा ड्रोन आधारित इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम को हवाई मार्ग से भेजा जाएगा. इसके अलावा सेना की जीपीआर रडार, ग्राउंड पेनीट्रेशन रडार मंगवाए गए हैं. कंटेनरों की तलाश के लिए आर्मी के स्निफर डॉग्स की भी तैनाती की जाएगी.
भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने कहा,
चमोली के माणा इलाके में तलाश और बचाव अभियान में तैनाती के लिए भारतीय वायुसेना द्वारा ड्रोन आधारित इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम को हवाई मार्ग से भेजा जाएगा. सिस्टम को हवाई मार्ग से देहरादून लाया जाएगा. जहां से इसे हेलीकॉप्टरों के जरिए माणा इलाके में ले जाया जाएगा.
वहीं देहरादून रक्षा विभाग के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि,
बचाव अभियान जारी है. इस पूरे अभियान में 50 लोगों को बचाया गया है. लेकिन बचाए गए लोगों में से जिन लोगों को गंभीर चोटें आई थी उनकी मौत हो चुकी है. रेस्क्यू ऑपरेशन में घायलों को निकालने की प्राथमिकता दी गई है. वहां फंसे लोगों को निकालने को प्राथमिकता दी गई है. 5 अन्य की तलाश अभी भी जारी है. 28 फरवरी को चमोली के माणा गांव के पास जब यह हादसा हुआ, तब वहां 55 लोग थे.
वहीं, आईटीबीपी ने एक वीडियो भी जारी किया है. जिसमें आईटीबीपी के जवान हिमस्खलन प्रभावित इलाके में बचाव अभियान चलाते हुए दिखाई दे रहे हैं. लिहाजा मौसम और सड़क की स्थिति अनुकूल होने पर यूएवी और रडार सहित सभी सहायता को सेवा में लगाया जा सकता है. फिलहाल लापता लोगों की खोजबीन के लिए लगातार हवाई प्रयास किए जा रहे हैं.