उत्तराखंड: शासन में वन दरोगाओं की डिमांड पर शुरू हुआ चिंतन, जल्द लिए जा सकते हैं बड़े फैसले

खबर उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में वन दरोगाओं की मांगों को लेकर पिछले लंबे समय से विचार चल रहा है. इसके बाद वन मुख्यालय के स्तर से भी इससे जुड़ा प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. अच्छी खबर यह है कि अब शासन ने उन मांगों पर चिंतन करते हुए अंतिम निर्णय तक पहुंचने का प्रयास किया है. इसी कड़ी में प्रमुख सचिव वन आर के सुधांशु ने भी अधिकारियों से बात करते हुए इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जानकारी ली है. साथ ही कुछ मामलों में सकारात्मक रुख दिखाते हुए उन पर अग्रिम कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं.

वन दरोगाओं के डिप्टी रेंजर के रूप में प्रमोशन को लेकर शिथिलता की मांग की जा रही है. वन दरोगाओं की मांग है कि अब तक प्रमोशन के लिए 8 साल की सेवा को अनिवार्य किया गया है. लेकिन डिप्टी रेंजर पर कई पद खाली होने के बावजूद भी किसी का प्रमोशन नहीं हो पा रहा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि विभाग में 8 साल की सेवा पूरी करने वाले वन दरोगाओं की मौजूदगी ही नहीं है. ऐसे में विभाग से इस नियम में शिथिलता करते हुए 8 साल से घटाकर प्रमोशन के लिए 5 साल किए जाने की मांग की गई है.

इस मामले में उत्तराखंड सरकार भी कर्मचारियों को शिथिलता दिए जाने का फैसला ले चुकी है. ऐसे में वन दरोगा कैसे इस निर्णय के अंतर्गत आएंगे इस पर फिलहाल कैबिनेट निर्णय का अध्ययन किया जाएगा. इसके अलावा वन दरोगाओं की भर्ती में अनिवार्य शैक्षिक अर्हता 12 वीं से स्नातक किए जाने का प्रस्ताव भी शासन में विचाराधीन है. हालांकि इस पर मांग को लेकर सकारात्मक रुख रख रहा है और इस पर सहमति बनती दिख रही है. यही नहीं वन कर्मियों के ड्यूटी के दौरान निधन होने पर 15 लाख की सहायता दिए जाने पर भी मंथन जारी है.

उधर जल्द ही वन विभाग के कर्मचारियों को HRA (हाउस रेंट अलाउंस) को लेकर खुशखबरी मिल सकती है. दरअसल वन विभाग में वन चौकियों में रहने वाले कर्मियों को हाउस अलाउंस नहीं मिल पा रहा है. जिसकी काफी समय से वनकर्मी डिमांड कर रहे थे. ऐसे में अब जल्द ही इस पर अंतिम अनुमोदन होने की उम्मीद है.

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