धामी सरकार ने किया इलेक्ट्रिक रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिये MOU साइन, राजधानी देहरादून में जाम के झंझट से  मिलेगी निजात, कम होगा ट्रैफिक का दबाव

खबर उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बढ़ते वाहनों के दबाव की वजह से ट्रैफिक कंट्रोल करना प्रशासन ने लिए चुनौती बनती जा रही है. आए दिन देहरादून की सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती है. जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में राज्य सरकार शहरवासियों को जाम की स्थिति से निजात देने को लेकर इलेक्ट्रिक रैपिड ट्रांजिट सिस्टम पर जोर दे रही है.

इसी क्रम में सोमवार को सचिवालय में मैसर्स हेस ग्रीन मोबिलिटी ने उत्तराखण्ड में मास रैपिड ट्रांसिट सिस्टम तकनीक पर आधारित तमाम बिंदुओं की जानकारी सीएम धामी को दी गई. साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में मास रैपिड ट्रांसिट सिस्टम टैक्नोजलॉजी को उत्तराखण्ड में बढ़ावा देने को लेकर उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कारपोरेशन एवं हेस ग्रीन मोबिलिटी, कैरोसेरी हेस एजी व एसएसबी सॉरवीन और शेफ़र बाउ एजी के बीच एक एमओयू साइन किया गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा इस कार्ययोजना को धरातल पर उतारे जाने के प्रयासों से देहरादून की बढ़ती यातायात समस्याओं का समाधान होगा.

बैठक में बताया गया कि मैसर्स हेस एजी की ओर से लाइट ट्रॉम विकसित किया गया है, जो फ्लैश चार्जिंग तकनीक का उपयोग करते हुए एक उच्च क्षमता वाला जन परिवहन समाधान है, जिसे पूरी तरह से एलिवेटेड कॉरिडोर पर इलेक्ट्रिक रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (ई-आरटी) के रूप में उत्तराखंड की शहरी परिवहन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया जा रहा है.पहले चरण में देहरादून शहर के 2 कॉरिडोर्स में आईएसबीटी से गांधी पार्क और एफआरआई से रायपुर तक कुल 22.5 किलोमीटर का बनाया जाएगा. जिसमें 25 स्टेशन प्रस्तावित हैं.

बता दें इलेक्ट्रिक रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (Electric Rapid Transit System) एक ऐसा परिवहन सिस्टम है जो इलेक्ट्रिक ट्रेनों या बसों का उपयोग करके शहरों और शहरी क्षेत्रों में तेज और सुलभता कुशलता से यात्रा करने के लिए बनाया गया है. ये सिस्टम आम तौर पर सड़क यातायात से अलग एक विशेष मार्ग पर ही चलती हैं.

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