उत्तराखंड में 192 मेगावाट की दो परियोजनाओं का शीघ्र होगा निर्माण, मुख्य सचिव ने की केंद्रीय सचिव से मुलाकात

खबर उत्तराखंड

देहरादून। प्रदेश में 192 मेगावाट की दो जलविद्युत परियोजनाओं त्यूणी-प्लासू और सिरकारी भ्योल रुपासिया बगड़ के निर्माण का रास्ता शीघ्र साफ होने जा रहा है। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इन परियोजनाओं को वन स्वीकृति देने के संबंध में मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण सचिव तन्मय कुमार से भेंट की। उन्होंने सकारात्मक कार्यवाही के संकेत दिए हैं।

72 मेगावाट की त्यूणी-प्लासू जलविद्युत परियोजना और 120 मेगावाट की सिरकारी भ्योल रुपासिया बगड़ जलविद्युत परियोजना बनने से प्रदेश को बिजली संकट से दिलाने को अतिरिक्त बिजली मिल सकेगी। इन दोनों परियोजनाओं को अन्य स्वीकृति मिल चुकी है। अब केंद्र से वन स्वीकृति मिलने की प्रतीक्षा की जा रही है।

इस संबंध में तमाम आवश्यक अभिलेखों को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को उपलब्ध कराया गया है। मुख्य सचिव की केंद्रीय सचिव से भेंट के बाद वन स्वीकृति जल्द मिलने की उम्मीद बंधी है।

मनरेगा के 270 करोड़ रुपये पर की चर्चा 

मुख्य सचिव ने केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव शैलेश कुमार सिंह से मुलाकात कर मनरेगा के तहत 270 करोड़ रुपये की लंबित राशि को अवमुक्त करने का अनुरोध किया। इसके अतिरिक्त ‘हाउस आफ हिमालय’ को सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया, ताकि उत्तराखंड के हस्तशिल्प, उत्पादों और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान मिल सके। इसके साथ ही दिल्ली, मुबंई, कोलकाता जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर ‘हाउस आफ हिमालय’ के आउटलेट्स खोलने का अनुरोध किया गया।

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