जोशीमठ का क्रेक ज़ोन: इस 300 मीटर चौड़े इलाके में दरक रहे मकान ! एक्सपर्ट्स ने दिए ये 6 सुझाव

खबर उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव की घटना ने सभी की चिंता बढ़ा दी है. उत्तराखंड प्रशासन ने जोशीमठ इलाके को आपदा की आशंका वाला क्षेत्र घोषित कर दिया है. यहां अब तक धंसाव की घटना के चलते 610 घरों दरारें पड़ गई हैं. पहले यह संख्या 561 थी. उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर विशेषज्ञों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. इसके बाद राज्य के साथ साथ केंद्रीय एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं. बताया जा रहा है कि जोशीमठ में करीब 350 मीटर का इलाका भू-धंसाव की घटना से प्रभावित हुआ है. जोशीमठ में निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है.  उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाई गई आपदा प्रबंधन और विशेषज्ञों की टीम ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री धामी को सौंप दी है. एक्सपर्ट टीम ने प्रभावित घरों का दौरा कर रिपोर्ट तैयार की है. इसमें 6 अध्ययनों की सिफारिश की गई है.

प्रभावित घर तोड़े जाएं, लोगों को शिफ्ट किया जाए

– विशेषज्ञ समिति ने इस पूरी स्थिति को समझने के लिए भू-तकनीकी जांच, भूकंपीय निगरानी समेत 6 अध्ययनों की सिफारिश की है. विशेषज्ञ समिति ने कहा है कि अगस्त 2022 की रिपोर्ट में की गई सिफारिशों का पालन किया जाना चाहिए. ज्यादा नुकसान वाले घरों को तोड़ देना चाहिए और उनका मलबा हटा देना चाहिए. उन क्षेत्रों की पहचान की जानी चाहिए, जो अभी भी रहने योग्य हैं.
– प्रभावित जगह पर रहने वाले लोगों को तुरंत शिफ्ट किया जाना चाहिए.

विशेषज्ञ समिति ने कहा- किए जाएं ये 6 अध्ययन

– भू-तकनीकी जांच की जानी चाहिए, जरूरत पड़ने पर नींव की रेट्रोफिटिंग का भी अध्ययन किया जाए.
– क्षेत्र के उप-स्तरों को समझने के लिए जियोफिजिकल जांच की जानी चाहिए.
– क्षेत्र में भूकंपीय निगरानी होनी चाहिए.
– हाइड्रोलॉजिकल जांच होनी चाहिए, ताकि जल निकासी, झरनों, लोकल वॉटर टेबल स्रोत की पहचान हो सके.
– भू धंसाव की रियल टाइम निगरानी होनी चाहिए.
– घरों को पहुंची क्षति का आकलन होना चाहिए, रेट्रोफिटिंग होनी चाहिए.

केंद्रीय एजेंसियां भी करेंगी जांच

अब जोशीमठ की मौजूदा स्थिति पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM), जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों की टीम सर्वे करेगी और अपनी रिपोर्ट सब्मिट करेगी.

NDRF-SDRF तैनात, लोगों को किया जा रहा शिफ्ट  

उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने बताया कि करीब 350 मीटर चौड़ी जमीन भू धंसाव से प्रभावित हुई है. एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें जोशीमठ में पहुंच चुकी हैं. प्रभावित परिवारों को सुरक्षा स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है. साथ ही उनके भोजन और आश्रय की व्यवस्था की जा रही है. जोशीमठ के लोगों को घटना की जानकारी दी जा रही है और उनका सहयोग लिया जा रहा है. लघु-मध्यम-दीर्घकालीन योजनाएं तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की सलाह ली जा रही है.

पीएम ने की समीक्षा बैठक

इससे पहले पीएम मोदी के मुख्य सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने उच्च स्तरीय समीक्षा की. इस बैठक में भारत सरकार के कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य, उत्तराखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, जोशीमठ के  जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी, उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारी और कई विशेषज्ञ मौजूद रहे. इससे पहले पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और इस पर चिंता व्यक्त की.

लोगों की सुरक्षा तत्काल प्राथमिकता पर हो- प्रधान सचिव

उत्तराखंड के अधिकारियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने कहा, प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुरक्षा तत्काल प्राथमिकता होनी चाहिए. राज्य सरकार को प्रभावित लोगों के साथ संवाद स्थापित करना चाहिए. स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए तत्काल प्रयास किए जाने चाहिए.

Source : “आजतक”  

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *