आपदा के बीच ब्यूरोक्रेसी के खिलाफ बन रहा माहौल, अब कांग्रेस विधायक ने खोला मोर्चा

खबर उत्तराखंड

देहरादून: आसमानी आफत जहां लोगों की मुसीबत बढ़ा रही है तो अफसरों का रवैया जनप्रतिनिधियों का पारा भी गर्म कर रहा है. हाल ही में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की तस्वीर सामने आने के बाद अब कांग्रेस के विधायक हरीश धामी ने भी जिलाधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. स्थिति यह है कि उन्होंने विधानसभा में विशेषाधिकार हनन लाकर अधिकारी को दंडित करवाने की भी बात कही है.

उत्तराखंड में आपदा के दौरान जनप्रतिनिधियों का फोन नहीं उठाने का मामला अब और आगे बढ़ गया है. हाल ही में देहरादून के जिलाधिकारी संबिन बंसल और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की तस्वीरें सार्वजनिक हुई थी. जिसमें कैबिनेट मंत्री जिलाधिकारी को खरी खोटी कहते हुए नजर आए थे. बड़ी बात यह है कि तब भी जिलाधिकारी ने कैबिनेट मंत्री की बातें सुनने के बजाय वहां से जाना ज्यादा बेहतर विकल्प समझा, लेकिन अब बात सत्ताधारी मंत्री की नहीं है बल्कि कांग्रेस के ऐसे विधायक की है जिसने अपने जिले के जिलाधिकारी को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

कांग्रेस विधायक हरीश धामी धारचूला से चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं. उन्होंने पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी समेत प्रशासन के कुछ दूसरे अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख दिया है. जिसमें जिलाधिकारी पिथौरागढ़ विनोद गिरी पर फोन नहीं उठाने के आरोप लगाए हैं.

खास बात यह है कि इससे पहले देहरादून में आपदा के दौरान ही जिलाधिकारी देहरादून संविन बंसल के फोन नहीं उठाये जाने को लेकर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से बातचीत वायरल हुई थी. यह मामला काफी चर्चाओं में रहा. इससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर खूब देखा गया. हालांकि, तब कांग्रेस से जुड़े लोग जिलाधिकारी के पक्ष में खड़े हो गए थे, लेकिन अब कांग्रेस के ही विधायक ने पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी पर इसी तरह के आरोप लगा दिए हैं.

हरीश धामी ने इस मामले पर बात करते हुए कहा कि जनता आपदा जैसे हालातों में अफसर को नहीं बल्कि जनप्रतिनिधियों को परेशान करती है. ऐसे में अधिकारियों को अपना रवैया बदलना चाहिए. ऐसे अधिकारियों को सदन में बुलाकर दंडित किए जाने की जरूरत है. जिससे जन प्रतिनिधियों की बातों को गंभीरता से लिया दा सके. हरीश धामी ने कहा वह इस मामले को विधानसभा में विशेषाधिकार हनन के रूप में लाएंगे.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *