विशेष पूजा अर्चना के बाद बंद हुए यमुनोत्री धाम के कपाट, इस बार 6 लाख 45 हज़ार श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

खबर उत्तराखंड

उत्तरकाशी: भैया दूज के पावन पर्व पर चारधाम यात्र के प्रथम तीर्थ (धाम) यमुनोत्री मंदिर के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण और विशेष पूजा अर्चना के बाद शीतकाल के लिए 12 बजकर 30 मिनट पर बंद कर दिए गए है. इस अवसर पर धाम मां यमुना के जयकारों से गूंज उठा. इसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति डोली यात्रा के साथ शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव के लिए रवाना हुई. अब अगले छह माह तक मां यमुना श्रद्धालुओं को खरसाली गांव में दर्शन देगी. यहीं पर उनकी नित्य पूजा संपन्न होगी.

इस वर्ष यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरा अनुसार अक्षय तृतीय पर 30 अप्रैल को खोले गए थे. परंपरा के अनुसार सुबह से ही धाम में मां यमुना की विशेष पूजा अर्चना के बाद कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई. इसके बाद श्रद्धालुओं ने मां यमुना के दर्शन किए और यमुना में स्नान किया. वहीं गुरुवार को शनिदेव महाराज की डोली यमुनोत्री धाम में पहुंची, जिसके बाद शनिदेव महाराज ने यमुना नदी में स्नान किया और अपनी बहन मां यमुना के साथ विशेष पूजा में शामिल हुए.यमुनोत्री धाम में इस साल 6,45,000 श्रद्धालुओं ने मां यमुना के दर्शन कर पूजा अर्चना की. श्रद्धालुओं के चढ़ावे और भेंट से यमुनोत्री मंदिर समिति को करीब 50 लाख रुपए की आय हुई है. गत वर्ष की अपेक्षा श्रद्धालुओं की आवाजाही में थोड़ी कमी आई.

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