ये कोई फिल्मी कहानी नहीं: विधवाओं की जिंदगी जी रही थी पत्नी, 23 साल बाद ‘मरा हुआ पति’ निकला जिंदा, लौट आया घर…  

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जमुई: कुछ कहानियां इतनी फिल्मी होती हैं कि उनपर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है. अपनों से बिछड़ना और सालों बाद मिलने का दृश्य फिल्मों में तो आम है लेकिन अगर ऐसा रियल लाइफ में देखने को मिले तो इसे आप क्या कहेंगे. मामला जमुई के नगर परिषद क्षेत्र की भछियार वार्ड संख्या 25 (Husband returned to Jamui after 23 years ) का है.

सालों बाद जमुई का रघुनंदन लौटा घर

दरअसल 23 साल बाद नगर परिषद क्षेत्र की भछियार वार्ड संख्या 25 निवासी रघुनंदन ठठेरा उर्फ डोमन ठठेरा अपने घर लौट आए हैं. पत्नी ने सोचा कि पति की मौत हो गई है इसलिए बरसों से अपने दिल को समझा बुझाकर विधवाओं की जिंदगी जी रही थी. अपने 7 बच्चों को उसने अकेले ही पाला पोसा है.

23 साल से विधवा की जिंदगी जी रही थी पत्नी

रघुनंदन की पत्नी गौरी देवी ने बताया कि गुरुवार को गांव के किसी व्यक्ति की नजर रघुनंदन पर पड़ी और वह उसे घर ले आया. पूरे गांव में रघुनंदन की वापसी चर्चा का विषय बनी हुई है. आखिर रघुनंदन ने 23 साल कहां बिताए, घर छोड़कर क्यों भागा ऐसे कई सवालों के जवाब सभी चाहते हैं.

“हमने तो सोचा खत्म हो गया है. वापस आने पर बहुत खुशी हो रही है. पुल पर किसी ने इसे देखकर पहचान लिया. अब सिंदूर लगाऊंगी.”

– गौरी देवी, रघुनंदन की पत्नी

जुए में हारने के कारण भाग गया था नेपाल

जुए में हार के बाद अपने 7 छोटे-छोटे बच्चे और पत्नी को 40 साल की उम्र में छोड़कर नेपाल पहुंचा रघुनंदन गुरुवार की देर शाम अपने घर जमुई सकुशल पहुंच गया. रघुनंदन ठठेरा उर्फ डोमन ठठेरा बर्तन बेचकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करता था. 1999 में जुआ खेलने की लत के कारण उस पर कर्ज हो गया, जिसके बाद वह अपने 4 बेटों और 3 बेटियों को छोड़कर नेपाल भाग गया था.

बड़े बेटे की हो चुकी है मौत

रघुनंदन के सबसे बड़े बेटे प्रमोद कुमार की मौत हो चुकी है, घर लौटने के बाद उसके ये बात पता चली. रघुनंदन जब घर छोड़कर गए थे तो उनके दूसरे बेटे विनोद की उम्र 16 वर्ष थी. अब वह 38 का है और उसकी शादी भी हो गई है.

“जब हम घर छोड़कर गए थे तो मेरी उम्र 40 साल के करीब थी. घर की याद आती थी. नेपाल में थे. जुए में हार गए थे. कर्ज होने के कारण घर छोड़कर चले गए थे.”

– रघुनंदन ठठेरा, गौरी देवी का पति

रघुनंदन के हैं 7 बच्चे

जबकि तीसरा बेटा सुबोध 10 साल का था और अब वह 33 साल का है. सुबोध को एक बेटा और एक बेटी है. चौथे बेटे का नाम नेपाली उम्र 26 साल है. वहीं बड़ी बेटी सरिता की उम्र 22 साल थी, अब 45 वर्ष है. दूसरी बेटी किरण की उम्र 18 थी, अब 41 साल है. जबकि तीसरी बेटी की उम्र 5 साल थी, अब 28 साल हो चुकी है.

भरा पूरा परिवार देख हुए भावुक

रघुनंदन ने अपनी दो बेटियों सरिता और किरण की शादी पहले ही कर दी थी. तीसरी बेटी की शादी उसकी पत्नी और चार बेटों ने मिलकर किया. रघुनंदन के 4 बेटे, 3 बेटी, 7 पोता, 2 पोती, 6 नाती, 4 नतनी जबकि एक परपोता भी हो चुका है.

परिवार में खुशी

वहीं उसके आने से पूरा परिवार काफी खुश दिखा. पिता से 23 वर्षों तक दूर रहे विनोद ने बताया कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि उनके पिता आज सकुशल लौट चुके हैं. जबकि कुछ दिन पहले ही पंडित जी से बात हुई थी कि इनके श्राद्ध का कार्यक्रम किया जाए. लेकिन ठीक उसके पहले उनके पिता लौट आए. भगवान का आशीर्वाद और अच्छे कर्म का फल ही इसे माना जा सकता है.

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