देहरादून/दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर देश की राजधानी दिल्ली में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर भारी संख्या में दर्शकों की भीड़ मौजूद रही. परेड देखने के लिए लोगों के बीच अलग ही उत्साह नजर आ रहा था. आज रंग-बिरंगी झांकियों से कर्तव्य पथ सजा हुआ दिखाई दिया. वहीं सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग उत्तराखण्ड के संयुक्त निदेशक एवं मानसखंड झांकी के टीम लीडर के0एस0 चैहान के नेतृत्व में कर्तव्य पथ पर उत्तराखंड की दिव्य और भव्य मानसखंड की झलक दिखी. मानसखंड झांकी के अगले और मध्य भाग में कॉर्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए हिरण, बारहसिंघा, घुरल, मोर समेत विभिन्न पक्षी दिखाई दिये. झांकी के पिछले भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर समूह और देवदार के वृक्षों को दिखाया गया.
इसके अलावा उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक कला ‘ऐपण’ को भी झांकी के माध्यम से दिखाया गया. झांकी के साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए छोलिया नृत्य का दल शामिल किया गया. इस दौरान उत्तराखंड की लोक संस्कृति पर आधारित थीम सॉन्ग पर कलाकार झूमते नजर आये.
मानसखंड झांकी में क्या है खास
उत्तराखंड की मानसखंड झांकी गणतंत्र दिवस समारोह में सबके लिए आकर्षण का केंद्र रही. केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की तर्ज पर कुमाऊं के पौराणिक मंदिरों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है. गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर इसी पर आधारित मानसखंड पर आधारित झांकी का प्रदर्शन किया गया. इस झांकी के माध्यम से देश विदेश के लोग उत्तराखंड की लोक संस्कृति से भी परिचित हुए.
इसके अलावा 16 अन्य राज्यों के कलाकारों ने भी अपने-अपने प्रदेश की झांकियों के साथ प्रस्तुतियां दी. इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में 17 राज्यों की झांकियों को शामिल किया गया था. उत्तराखंड के अलावा अयोध्या दीपोत्सव उत्तर प्रदेश, अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव हरियाणा, स्वच्छ-हरित ऊर्जा गुजरात, कर्नाटक की नारी शक्ति उत्सव, पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा, महाराष्ट्र से साढ़े तीन शक्ति पीठ, झारखंड से बाबा बैद्यनाथ धाम, नया जम्मू कश्मीर और सेनानियों की अध्यात्म भूमि असम की झाकियां भी कर्तव्य पथ पर दिखाई दी. हिमाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली की झांकी अबकी बार परेड में शामिल नहीं रही.