देहरादून: मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु ने सचिवालय में आयुष विभाग की बैठक की. बैठक में मुख्य सचिव ने कहा केरला आयुर्वेद को उत्तराखंड में बढ़ावा देने की आवश्यकता है. प्रदेश के डॉक्टर सहित 100 प्रतिशत स्टाफ को प्रशिक्षण कराया जाए. डॉक्टरों को प्रशिक्षण के लिए उच्च स्तरीय संस्थानों में भेजने की आवश्यकता है. इसके लिए सेमिनार भी आयोजित किए जाएंगे. सीएस ने कहा आयुर्वेदिक संस्थानों और आयुर्वेदिक चिकित्सकों को राज्य से जो भी सहायता चाहिए, उन्हें दी जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा प्रदेश में ऋषिकेश और देहरादून में विश्वस्तरीय पंचकर्मा केंद्र बनाए जाएं.
मुख्य सचिव ने कहा आयुर्वेदिक पद्धति उच्चस्तरीय होने के बावजूद प्रमाणों की कमी के कारण ज्यादा प्रयोग में नहीं लाई जाती. इसके लिए अनुसंधान और प्रलेखन की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है. रिसर्च को बढ़ावा दिए जाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाए. जानकारी और प्लेटफार्म न मिलने के कारण इस दिशा में किए गए कार्यों की किसी को जानकारी नहीं होती. उन्होंने इसके लिए ई-मैगजीन भी संचालित किए जाने के निर्देश दिए.
उन्होंने कहा इसमें सभी के लिए शोध आदि प्रकाशित किए जाएं. ताकि इस दिशा में किए जा रहे कार्यों की सभी को जानकारी हो सके. आमजन को जानकारी के लिए शोध ई-पत्रिका, टीवी चैनल और रेडियो चैनल भी संचालित किए जा सकते हैं. मुख्य सचिव ने आयुष विभाग को अपनी वेबसाइट भी अपग्रेड करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा अपनी वेबसाइट में बीमारी और उनके उपचार के साथ ही प्रदेश में उनसे संबंधित कौन-कौन सी सुविधाएं कहां-कहां उपलब्ध हैं, इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाए.
उन्होंने हाइपरटेंशन, डायबिटीज जैसी बीमारियों के कारण एवं उपचार को भी इसमें शामिल किए जाने की बात कही. मुख्य सचिव ने इस क्षेत्र में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे फर्जी डॉक्टर्स और संस्थानों को रोकने के लिए सिस्टम विकसित किए जाने की बात भी कही. उन्होंने कहा गुणवत्ता बनाए रखने के लिए संस्थानों को रजिस्टर किए जाने के साथ ही मान्यता पर भी कार्य करने की आवश्यकता है.