देहरादून: प्रदेश सरकार का वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में रोजगार और आजीविका बढ़ाने पर मुख्य फोकस होगा। बजट में इस बार पशुपालन, मत्स्य, कृषि, उद्यानिकी और सामाजिक विकास से संबंधित योजनाओं के लिए सरकार पिछले वर्षों की तुलना में अधिक बजट की व्यवस्था करे। माना जा रहा है कि सरकार गांवों की अर्थव्यवस्था का आधार माने जाने वाली खेती-बाड़ी, पशुपालन से जुड़े किसानों और ग्रामीणों को योजनाओं का अधिक लाभ देना चाहती है। अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन के मुताबिक, आगामी बजट को लेकर विभाग के स्तर पर तैयारी पहले से चल रही है। विभाग वार बजट के प्रस्तावों पर लगातार समीक्षा हो रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से भी यह निर्देश हैं कि बजट में रोजगार पर फोकस हो।
बजट बनाते समय इस बात को ध्यान में रखा जा रहा है। माना जा रहा है कि सरकार आगामी बजट में उन विभागों और योजनाओं में वित्तीय प्रावधान बढ़ा सकती हैं, जिनसे किसानों, महिलाओं, युवाओं और ग्रामीणों की आजीविका में बढ़ोतरी हो और स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ें। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के आम बजट में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य, सामाजिक कल्याण, कौशल विकास से संबंधित योजनाओं का राज्य के बजट में अधिक से अधिक फायदा लेने पर जोर दिया जाएगा।
कल से शुरू होगी बजट की तैयारी की समीक्षा
शासन स्तर पर सोमवार से विभागवार बजट की तैयारी को लेकर समीक्षा शुरू होगी। तकरीबन सभी विभाग से प्रस्ताव प्राप्त हो गए हैं। सचिव वित्त के स्तर पर हर विभाग से उसकी मांग और नई योजनाओं पर चर्चा हो चुकी है। अब इन प्रस्तावों को अंतिम रूप देने के लिए दोबारा से समीक्षा बैठकें होंगी।
मसूरी चिंतन के एजेंडे की भी दिखेगी बजट में झलक
मसूरी चिंतन शिविर में तय विकास के एजेंडे की झलक भी राज्य सरकार के बजट में दिखाई देगी। उन संकल्पों को बजट में विभागीय बजट का हिस्सा बनाया जा सकता है, जिनके लिए एक साल की समय-सीमा तय की गई है।