देहरादून: जोशीमठ में भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों के स्थायी पुनर्वास के फार्मूले पर दस फरवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक में फैसला हो सकता है। स्थायी पुनर्वास से जुड़े प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में रखे जाएंगे। प्रभावितों के पुनर्वास के लिए कई विकल्प सामने आ रहे हैं। जैसे अपनी ही जमीन पर मकान बनाने के लिए सरकारी मदद के अलावा जमीन के बदले कहीं और जमीन देने जैसे सुझाव सामने आ चुके हैं। एक विकल्प यह भी है कि सरकार कोई कॉलोनी खुद विकसित करे और लोगों को वहां शिफ्ट करे। इस बीच अस्थायी पुनर्वास के लिए सरकार ने प्री फैब्रिकेटेड आवास बनाने शुरू कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, दस फरवरी को होने वाली कैबिनेट की बैठक में सरकार पुनर्वास के स्थायी समाधान से संबंधित कुछ प्रस्ताव लाएगी। इसमें स्थायी पुनर्वास के तरीके पर फैसला हो सकता है।
गौचर में तलाशी जा रही जमीन
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक पीपलकोटी में जमीन पर स्थिति स्पष्ट न होने के बाद सरकार अब गौचर में स्थायी पुनर्वास के लिए भूमि तलाश रही है। इसके अलावा कुछ जगहों पर भी जमीन के विकल्प देखे जा रहे हैं।
चारधाम यात्रा के बीच चुनौती
चारधाम यात्रा भी सिर पर है। ऐसे में जोशीमठ का पुनर्वास बड़ी चुनौती बनकर खड़ा है। सरकार के सामने स्थायी पुनर्वास के फार्मूले पर प्रभावित लोगों को सहमत करने की भी चुनौती है। इसीलिए बेहद सोच समझकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। यह भी देखा जा रहा है कि अगर बाजार को हटाना पड़ा तो व्यापरियों को कहां शिफ्ट किया जाएगा।
सरकार जोशीमठ प्रभावितों के स्थायी पुनर्वास की दिशा में कदम बढ़ा रही है। 10 फरवरी को होने वाली बैठक में इससे संबंधित कुछ प्रस्ताव लाने पर विचार किया जा रहा है।
– डॉ. रंजीत सिन्हा, सचिव, आपदा प्रबंधन।