नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र में मंगलवार का दिन काफी गर्म रहा. संसद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडानी के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. राहुल गांधी ने संसद में जब बोलना शुरू किया तो उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के मुद्दे पर अपना अनुभव साझा किया. इसी क्रम में राहुल गांधी ने कहा कि जब मैं भारत में सड़कों पर घूम रहा था तब मुझसे कई युवाओं ने कहा कि हम भी अडानी की तरह बनना चाहते हैं, स्टार्टअप करना चाहते हैं. राहुल ने युवाओं का नाम लेकर तंज कसते हुए कहा कि युवा भी जानना चाहते हैं कि कैसे किसी भी बिजनेस में घुसकर तुरंत तरक्की पाई जाए. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधा सवाल करते हुए कहा कि वे गौतम अडानी के साथ कितनी बार विदेश दौरे पर गए, अडानी को कॉन्ट्रैक्ट मिलने के बाद कितने देशों के दौरे किए और पिछले 20 साल में अडानी ने बीजेपी को कितना चंदा दिया है? उन्होंने ये भी कहा कि कभी पीएम मोदी, अडानी के प्लेन में उड़ान भरते थे और अब अडानी, मोदी के प्लेन में उड़ान भर रहे हैं.
पीएम के विदेश दौरों पर उठाए सवाल
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के विदेश दौरों पर सवाल दागते हुए कहा कि पीएम मोदी के विदेश दौरे में अडानी कितनी बार साथ गए. उन्होंने पूछा कि आपके (पीएम मोदी) कितने दौरों के दौरान अडानी गए. आपके कितने दौरे के बाद अडानी उस देश के दौरे पर गए. और कितने देशों में आपके दौरे के बाद अडानी को कॉन्ट्रैक्ट मिले.’
एयरपोर्ट के बिजनेस में अडानी की एंट्री
अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने संसद में कहा कि कुछ साल पहले केंद्र सरकार ने एयरपोर्ट को विकसित करने के लिए ठेका दिया. तब नियम था कि कोई भी फर्म जिसके पास इस तरह के काम का कोई एक्सपीरिएंस नहीं है वो इस ठेके के लिए एप्लाई नहीं कर सकता है. इतने में ही संसद में माहौल गर्म हो गया और रविशंकर प्रसाद ने उठकर कहा कि एयरपोर्ट का प्राइवेटाइजेशन तो इन्हीं (कांग्रेस) की सरकार में हुआ. इसके बाद राहुल ने अपनी बात जारी रखी कि मोदी सरकार ने नियम बदला और अडानी जी को 6 एयरपोर्ट का ठेका दिया गया. उसके बाद भारत का सबसे फायदेमंद एयरपोर्ट (मुंबई एयरपोर्ट) को GBK से लेकर अडानी को दे दिया गया. राहुल ने हमला बोला कि भारत सरकार ने GBK पर सेंट्रल एजेंसियों के जरिए दवाब बनाया.
फॉरेन पॉलिसी से डिफेंस सेक्टर में अडानी को मिला कॉन्ट्रैक्ट
इसके बाद राहुल गांधी फॉरेन पॉलिसी के मुद्दे पर आए. उन्होंने कहा कि डिफेंस के मुद्दे से चर्चा की शुरुआत करते हैं. राहुल ने कहा कि अडानी को डिफेंस इंडस्ट्री का कोई एक्सपीरिएंस नहीं. उन्होंने कहा हिंदुस्तान में एलबिट कंपनी के साथ अडानी जी ड्रोन बनाते हैं. भारतीय सेनाओं के लिए यह काम अडानी जी कर रहे हैं. अडानी जी ने यह काम पहले कभी नहीं किया, लेकिन पीएम मोदी इजरायल जाते हैं और अडानी को यह कॉन्ट्रैक्ट मिल जाता है. राहुल ने कहा कि पीएम की विदेश दौरों की वजह से अडानी को डिफेंस के कॉन्ट्रैक्ट मिल गए. राहुल ने कहा कि पीएम के इजरायल दौरे के बाद ही भारत और इजरायल का डिफेंस का पूरा कारोबार एक आदमी के हाथ में चला जाता है. वो अडानी जी हैं. छोटे-बड़े हर तरह के हथियार का ठेका अडानी जी को मिल जाता है. राहुल ने तंज कसते हुए कहा कि यह है पीएम मोदी की फॉरेन पॉलिसी.
भाजपा ने किया पलटवार
इसके जवाब पर भाजपा ने भी संसद में कांग्रेस पर पलटवार किया. झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल और कांग्रेस को चुनौती देते हुए पूछा जब कांग्रेस ने बिड़ला, टाटा और डालमिया को ठेके दिए तो उन्हें कौन सा मोटर चलाने का एक्सपीरिएंस था. साथ ही रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए स्पीकर ओम बिड़ला से अपील की कि राहुल के इन बयानों को संसद के रिकॉर्ड से हटवाया जाए. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वो सीधे पीएम मोदी पर आरोप लगा रहे हैं वो भी बिना कोई नोटिस दिए. ये नियमों को उल्लंघन है. ये रिकॉर्ड से हटा दिए जाने चाहिए.
‘भारत के पीएम ने कहा कि प्रोजेक्ट अडानी को मिले‘
केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाते हैं और इधर अडानी को SBI से बड़ा लोन मिल जाता है. इसके बाद पीएम बांग्लादेश दौरे पर जाते हैं और 1500 मेगावॉट बिजली का 25 साल का प्रोजेक्ट अडानी को मिल जाता है. उन्होंने आगे कहा कि जून 2020 में चेयरमैन ऑफ श्रीलंका अपने संसद को बताते हैं कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने कहा कि भारत के पीएम ने कहा है कि एक प्रोजेक्ट अडानी को देना है.
‘भारत नहीं, ये अडानी की फॉरेन पॉलिसी‘
राहुल गांधी ने इन उदाहरणों के जरिए सदन में दोहराया कि यह फॉरेन पॉलिसी भारत की नहीं बल्कि अडानी जी की है. ये विदेश दौरे अडानी जी के बिजनेस को संवारने के लिए किए गए हैं.