बाराबंकी: बाराबंकी में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां पर नसबंदी के लिए आई महिलाओं को डॉक्टरों ने एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगा दिया. लेकिन जब टीम नसबंदी करने पहुंची तो अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं को देखकर डॉक्टर ने ऑपरेशन करने से मना कर दिया. टीम बिना ऑपरेशन किए ही वहां से वापस लौट आई. जिसके बाद सभी महिलाएं कई घंटे तक बेहोश पड़ी रहीं. वहीं इस मामले के सामने आते ही जिले में हड़कंप मच गया. जिसके बाद सीएमओ ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं. यह पूरा मामला बाराबंकी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर का है. जहां पर नसबंदी शिविर लगाया गयाा था. इसके लिए 19 महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था. सीएचसी पर नसबंदी के लिए 18 महिलाएं पहुंची. जानकारी के मुताबिक कि नसबंदी के लिए जिले से आने वाली टीम से बातचीत के बाद सीएचसी के डॉक्टर ने पांच महिलाओं को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगा दिया. जिनमें सोनी, मीना, सुशीला, प्रीति, शीला शामिल हैं. इसके बाद यह पांचों महिलाएं बेहोश होने लगीं.
पांचों महिलाएं बेसुध हो गई
जब तक जिले से टीम सीएचसी पहुंची, यह पांचों महिलाएं बेसुध हो चुकी थीं. इनके परिजनों ने आरोप है कि टीम सीएचसी आई. लेकिन ओटी तक जाकर तुरंत वापस लौट आई और कहा कि ओटी में इतनी अव्यवस्था है कि यहां पर किसी भी तरह का ऑपरेशन करना खतरे से खाली नहीं. उसके बाद टीम बिना ऑपरेशन किए ही बैरंग लौट गई. परिजनों का आरोप है कि महिलाएं करीब 4 घंटे तक सीएचसी पर बेहोश रहीं. उसके बाद भी सीएचसी के डाक्टरों ने उनकी कोई सुध नहीं ली.
डॉक्टर की तबियत कुछ खराब हो गई थी
रामनगर सीएचसी अधीक्षक डॉ. हेमंत गुप्ता ने बताया कि ऑपरेशन करने वाली टीम के डॉक्टर की तबियत कुछ खराब हो गई थी. जिसके चलते वह लौट गए. सभी महिलाओं को एडमिट कर लिया गया था. होश आने के बाद सभी को घर भेज दिया गया. अगली तारीख में कैंप लगने पर आने के लिये बोला गया है. वहीं बाराबंकी के सीएमओ डॉक्टर अवधेश कुमार यादव ने बताया कि सीएचसी रामनगर पर नसबंदी शिविर लगा था. टीम इंजेक्शन देने के बाद बिना ऑपरेशन किए लौट आई. पूरे मामले की जांच कराई जा रही है.जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.