नई दिल्ली: ब्लड प्रेशर, शुगर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों की तुरंत ही पहचान हो, इसके लिए देश में एक अनोखा हेल्थ मॉडल तैयार हो रहा है। यह मॉडल कुछ और नहीं बल्कि उन डेढ़ लाख स्वास्थ्य केंद्रों को बना कर तैयार किया जा रहा है जो देशभर में अलग-अलग राज्यों के जिलों, कस्बों और गांवों में घरों के नजदीक चंद कदम की दूरी पर होंगे। ताकि देश में लाइफस्टाइल डिजीज के दुष्प्रभाव को वक्त रहते रोका जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बड़े विजन को पूरा करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी पूरी तैयारियां शुरू कर दी है। इसके अलावा देश में ड्रोन से दवा आपूर्ति और जांच सेवाओं के लिए बड़ी तैयारियां शुरू हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विजन और मिशन को पूरा करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी पूरी टीम देश के अलग-अलग क्षेत्रों में उतार दी है जिससे कि ब्लड प्रेशर, शुगर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारी को न सिर्फ रोका जा सके बल्कि समय रहते उसका इलाज शुरू किया जा सके। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक देश में नॉन कम्युनिकेबल डिजीज रोकने के लिए एक अभियान के स्तर पर बड़ी योजनाएं और तैयारियां शुरू कर दी गई है। केंद्रीय मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती चरण में देश में डेढ़ लाख से अधिक ऐसे स्वास्थ्य केंद्रों को विकसित किया जा रहा है, जो कि लोगों के घरों के बिल्कुल नजदीक हों। यह स्वास्थ्य केंद्र ऐसे सेंटर के तौर पर डेवलप हो रहे हैं जहां पर ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हृदय रोग जैसी बीमारी की तत्काल जांच की जा सके और उनका वक्त रहते हैं इलाज किया जा सके।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती चरण में डेढ़ लाख से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों को विकसित करना है केंद्र सरकार की प्रमुख प्राथमिकता में शामिल है। उसके लिए सर्वे भी किया जा चुका है और कई जगहों पर इस योजना को अमलीजामा पहनाए जाने की तैयारियां हो चुकी हैं। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में आए आंकड़ों में लाइफस्टाइल डिजीज से प्रभावित राज्य और जिलों में ऐसे सेंटर को प्राथमिकता पर शुरू किया जाना है। उसके बाद समूचे देश में इन सेंटर्स की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। ताकि लोगों को लाइफस्टाइल डिजीज से बचाया जा सके। सिर्फ इन सेंटर्स की संख्या नहीं बढ़ाई जाएगी बल्कि देश में 5G टेक्नोलॉजी के आने के साथ चिकित्सा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी इस तकनीकी का उपयोग किया जाना है। इसके लिए भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तकनीकी टीम के साथ चिकित्सा केंद्रों के साथ मिलकर बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी के लिए अपनी पूरी योजना बनाई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि 5G टेक्नोलॉजी आने के साथ में ड्रोन की मदद से दवा आपूर्ति और जांच सेवाओं के लिए बड़ी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। देश के कुछ चिकित्सा संस्थानों की ओर से ड्रोन से ऐसी सुविधाओं का ट्रायल भी किया जा चुका है। सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री के साथ मुलाकात में ऐसी ही ड्रोन की सुविधाओं से युक्त स्वास्थ्य सेवाओं का खाका खींचा। ड्रोन सुविधाओं की स्वास्थ्य सेवाओं के साथ उत्तराखंड चार धाम की यात्रा की शुरुआत भी हो रही है।
वहीं सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान पर पोस्ट-बजट वेबिनार में देश में बदलती चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं और अनुसंधान पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नॉन कम्युनिकेबल डिजीज को कंट्रोल करने और उसके दुष्प्रभाव को रोकने के लिए देश में खुलने वाले डेढ़ लाख हेल्थ सेंटर का जिक्र करते हुए कहा कि यह सेंटर घरों के पास में तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ब्लड प्रेशर डायबिटीज और हृदय रोग जैसी बीमारियों का इलाज और स्क्रीनिंग इन केंद्रों पर होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य और चिकित्सा की सुविधाओं को छोटे शहरों से लेकर गांव तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में 260 से अधिक नये मेडिकल कॉलेज खोले गये हैं। इसकी बदौलत 2014 की तुलना में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में सीटें दोगुनी हो गई हैं।
देश के प्रमुख हेल्थ सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट्स और चिकित्सकों से वेबिनार के माध्यम से मुलाकात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड के बाद पूरी दुनिया का ध्यान अब हेल्थ केयर पर आया है। लेकिन भारत की अप्रोच सिर्फ हेल्थ केयर तक ही सीमित नहीं है। वह कहते हैं कि हम एक कदम आगे बढ़कर वैलनेस के लिए भी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 5G स्टार्टअप के लिये इस क्षेत्र में नये अवसर पैदा कर रहा है। दवा आपूर्ति और जांच सेवाओं में ड्रोन बड़े बड़े बदलाव ला रहे हैं। बदलती स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ड्रग पार्कों, चिकित्सा उपकरण पार्कों से चिकित्सा उपकरणों में 12 से 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने वेबीनार में जुड़े एक्सपर्ट को बताया कि आने वाले वर्षों में यह बाजार चार लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जायेगा।