देहरादून: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से अब आत्महत्याओं को को रोका जा सकेगा। देहरादून में ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय में चल रही इनोवेटिव डाटा कम्युनिकेशन की अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में प्रस्तुत शोध पत्र में आज घर के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के माध्यम से लोगों के व्यवहार की स्टडी और सुसाइडल प्रिडिक्शन के वैज्ञानिक तरीके बताए गए।
कॉन्फ्रेंस में देश के विभिन्न क्षेत्रों के साथ अमेरिका, मेक्सिको, चाइना, वियतनाम, फिलीपींस, बांग्लादेश, मलेशिया और इंडोनेशिया से 627 शोध पत्र आए हैं। कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश के शोध कर्मियों और छात्र-छात्राओं के कई रोचक शोध पत्रों पर चर्चा की गई। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग और मशीन लर्निंग के माध्यम से ट्रैफिक लाइटों को कंट्रोल करना, इमरजेंसी ट्रैफिक को संचालित करना, ब्लॉकचेन के माध्यम से डाटा को सिक्योर करना, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से ट्रैफिक मैनेजमेंट को हैकर से बचाना, लोगों और संस्थानों को फाइनेंसियल फ्रॉड से बचाना और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग को मेडिकल कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल करना जैसे 191 शोध पत्रों का कांफ्रेंस में चयन किया गया है।
कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रोफेसर (डॉ) दया कृष्णन लोबियाल और गेस्ट ऑफ ऑनर इंडियन इंस्टीट्यूट आफ रिमोट सेंसिंग (आई आई आर एस) देहरादून के वैज्ञानिक प्रोफेसर (डॉ) हरिशंकर श्रीवास्तव हैंl। विश्वविद्यालय के डायरेक्टर जनरल डॉ एच एन नागराजा, वाइस चांसलर डॉ आर गोरी, कंप्यूटर साइंस के विभागाध्यक्ष डी. बोर्डलाई और शिक्षक भी कॉन्फ्रेंस में उपस्थित रहे। डॉ महेश मनचंदा कांफ्रेंस के संयोजक हैं। विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस विभाग ने इस तीन दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन आईईईई के सहयोग से किया है। कॉन्फ्रेंस कल 16 मार्च को भी जारी रहेगी।