गोरखपुर: पुलिस ने नौकायन के पास वसूली के आरोप में पकड़े गए फर्जी दरोगा अपूर्व राय के पिता को फोन किया तो वह यकीन नहीं किए। पिता अजय शंकर राय ने कहा, साहब आप को गलतफहमी हो गई है। जांच कर लीजिए। मैं आप को व्हाट्सएप पर दस्तावेज भी भेज दे रहा हूं। उसके नियुक्ति का पत्र भी मेरे पास है। इसके बाद पिता ने सभी दस्तावेज भेजे दिए। पिता से झूठ बोलने की वजह से पुलिस के हाथ वह दस्तावेज भी लग गए, जिसे पाने के लिए उसे जांच और मेहनत करनी पड़ती। बाद में पुलिस ने दोबारा फोन कर बताया कि जांच हो चुकी है, सब फर्जी है। इसके बाद पिता हैरान होकर, एक शब्द ही बोले, उसकी करनी की सजा दीजिए।
पिता अजय शंकर राय बड़ी मेहनत से बेटे को पढ़ा रहे थे। बातचीत में कहते हैं, सोचा था कि बेटा किसी लायक हो जाएगा। कंप्यूटर इंजीनियर की पढ़ाई भी कर रहा था। आगे चलकर घर, परिवार का नाम रोशन करेगा। इस बीच उसने करीब एक महीने पहले जानकारी दी कि उसका चयन दरोगा में हो गया है।
फर्जी नियुक्ति पत्र और आईकार्ड देखकर परिजनों ने यकीन कर लिया। फिर उसने घरवालों को बताया, 15 दिन से उसकी मुरादाबाद में ट्रेनिंग चल रही है। इसके बाद परिजनों को और यकीन हो गया। क्योंकि, वह किराये के कमरे में रहता था, इस वजह से परिजन भी उसे देखने नहीं आए कि आखिर वह है, कहां। अब परिजनों के पास पछतावा के अलावा कुछ नहीं है।