न्यूज़ डेस्क : नए वित्त वर्ष से इनकम टैक्स के नियमों में कई बदलाव होने वाले हैं। आयकर स्लैब में कर छूट की सीमा में बदलाव, कुछ डेट म्यूचुअल फंडों पर कोई LTCG कर लाभ नहीं मिलेगा, ये ऐसे कुछ प्रमुख बदलाव हैं, जो 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी हैं।
कर छूट की सीमा बढ़ाकर ₹7 लाख की गई
कर छूट की सीमा को ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹7 लाख करने का मतलब है कि जिस व्यक्ति की आय ₹7 लाख से कम है, उसे टैक्स में छूट पाने के लिए किसी भी दस्तावेजों को दिखाने की जरूरत नहीं है। उसकी पूरी आय कर-मुक्त होगी।
स्टैंडर्ड डिडक्शन
पुरानी कर व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को प्रदान की जाने वाली ₹50000 की स्टैंडर्ड डिडक्शन में कोई बदलाव नहीं है। पेंशनरों के लिए, वित्त मंत्री ने स्टैंडर्ड डिडक्शन के लाभ को नई कर व्यवस्था में विस्तारित करने की घोषणा की। 15.5 लाख रुपये या उससे अधिक आय वाले प्रत्येक वेतनभोगी व्यक्ति को 52,500 रुपये का लाभ होगा।
इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव
नई टैक्स दरें हैं
- 0-3 लाख – शून्य
- 3-6 लाख – 5%
- 6-9 लाख- 10%
- 9-12 लाख – 15%
- 12-15 लाख – 20%
- 15 लाख से ऊपर- 30%
इन म्यूचुअल फंड पर कोई LTCG टैक्स बेनिफिट नहीं
1 अप्रैल से डेट म्यूचुअल फंड में निवेश पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स के तौर पर टैक्स लगेगा। इस कदम से निवेशक लोन्ग टर्म कर लाभ से वंचित हो जाएंगे। बता दें कि यह लाभ ही इस तरह के निवेश को लोकप्रिय बनाता था।
वरिष्ठ नागरिकों को लाभ
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा ₹15 लाख से बढ़ाकर ₹30 लाख की जाएगी। मासिक आय योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा एकल खातों के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये और संयुक्त खातों के लिए 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी जाएगी।