नई शराब नीति पर हरदा का तंज़, सोशल मीडिया पर लिखा – ‘नौकरी भले न मिले, लेकिन शराब बेचने का बहुतों को मिलेगा रोजगार’,

खबर उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दी है. सरकार की नई आबकारी नीति में उत्तराखंड में शराब को सस्ता किया गया है, जिसको लेकर विपक्ष ने हंगामा काटा हुआ है. नई आबकारी नीति को लेकर कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर भी मोर्चा खोल दिया है. एक तरफ जहां कांग्रेस के अन्य नेता सड़कों पर उतकर नई आबकारी नीति का विरोध कर रहे हैं. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर मोर्चा खोले हुए हैं. नई आबकारी नीति के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए हरीश रावत ने लिखा है कि उत्तराखंड सरकार की इस साल की आबकारी नीति बहुत ही दिलचस्प है. एक तरफ सरकार ने प्रयास किया है कि यूपी, पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा की शराब उत्तराखंड में न बिक सके सके. इसीलिए उत्तराखंड में शराब को सस्ती की गई है. ये अच्छी बात लगती है, लेकिन इसका दूसरा छिपा हुआ लक्ष्य ये भी है कि शराब की खपत बढ़ेगी. प्रदेश में शराब की ज्यादा बिक्री होगी तो राजस्व भी ज्यादा आयेगा.

हरीश रावत ने लिखा कि नई आबकारी नीति में शराब टेट्रा पैक में बिकेगी और कोई भी व्यक्ति 70 लीटर तक शराब अपने घर पर रख सकेगा. इसका अर्थ कि छोटे-मोटे बार या वेंडर गांव-गांव में होंगे. क्योंकि उन्हें कानून का संरक्षण होगा, उपलब्धता नजदीक होगी और शराब सस्ती होगी तो फिर शराब पीने वालों की संख्या भी बढ़ेगी. नौकरी भले ही न दे सको, मगर शराब बेचने का रोजगार तो बहुतों को मिल जाएगा और फिर गांव-गांव में टेट्रा पैक के खाली कंटेनर या पैक जो तबाही मचाएंगे‌, पहले एक बार गांव के हर रास्ते में प्लास्टिक की थैलियां-थैलियां दिखाई देती थीं. अब टेट्रा पैक ही दिखाई देंगे, वाह! पर्यावरण के अच्छे पर्यावरण मित्र है सरकार और उसकी पॉलिसी.

वहीं, विपक्ष के आरोपों पर मुख्य सचिव एसएस संधू और आबकारी आयुक्त हरीश चंद्र सेमवाल का भी जवाब आया है. उनका कहना है कि नई आबकारी नीति लाने का उद्देश्य प्रदेश में शराब की तस्करी को रोकना है. क्योंकि यहां पर बड़ी मात्रा में बाहरी प्रदेशों से शराब तस्करी कर लाई जा रही थी. इस प्रदेश के राजस्व को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा था.

वहीं सरकार के पक्ष रखते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि आज विपक्ष भले आरोप लगाने का काम कर रहा है, लेकिन जैसे ही सरकार की इन जनहित की नीतियों के सफल परिणाम आने लगेंगे, उससे बाद विपक्षी दल भी सरकार की तारीफ करते हुए नजर आएंगे. वहीं, बीजेपी के प्रवक्ता देवेंद्र भसीन का कहना है कि जो विपक्षी आज आरोप लगा रहा है, वो अपने शासनकाल में शराब को लेकर जनता के बीच चर्चा का विषय बने हुए थे.

वहीं, सरकार की नई शराब नीति को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता गरीम दसौनी का कहना है कि सरकार एक तरफ जनता पर महंगाई को बोझ डाल रही है, वहीं दूसरी तरफ शराब को सस्ती कर रही है. सरकार को सिर्फ अपने अपने राजस्व से मतलब है, जनहित से उनका कोई सरोकार नहीं है.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *