शाहजहांपुर: शाहजहांपुर के तिलहर थाना इलाके के गांव बहादुरगंज में रहने वाले वाले बनारसी के घर का दरवाजा पिछले तीन-चार दिन से नहीं खुला था। अंदर से कोई आहट भी न होने पर मोहल्ले वालों ने पुलिस को खबर दी। दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंची पुलिस को बनारसी की पत्नी संतो और उसकी बेटी शीतल पूजा-पाठ करतीं मिलीं। उनके अलावा बच्चों समेत सात लोग अर्द्धबेहोशी की हालत में मिले हैं। पुलिस ने सभी को राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है। बनारसी चूरन बेचने का काम करते हैं। व्यापार के सिलसिले में वह पिछले हफ्ते से कहीं बाहर गए हुए हैं। घर पर उनकी पत्नी संतो, विधवा बेटी शीतल (30), प्रीति, अंजलि (18), सुजाता (15), कामनी (14) बेटा संजय (12), आकाश (8) और प्रकाश (सात) थे। शीतल के पति विशाल की करीब चार साल पहले फंदे से लटकने से मौत हो गई थी। शीतल के अनुसार, उसके पति पर किसी आत्मा का साया था। मौत के बाद अब आत्मा उसके ऊपर आने लगी। नवरात्र का व्रत रखने के बाद शीतल ने रामनवमी पर हवन-पूजन कर घर में चौकी स्थापित की थी। उसने परिजनों को काला धागा बांधने को दिया था।
चार-पांच दिन से कमरा बंद कर अनुष्ठान कर रहे थे
पुलिस के अनुसार, चार-पांच दिन से कमरा बंद कर सभी चौकी लगाकर अनुष्ठान कर रहे थे। कई दिन से संतो के परिवार के किसी सदस्य के बाहर न आने पर पड़ोसियों ने मंगलवार की सुबह करीब नौ बजे पुलिस को सूचना दी। इंस्पेक्टर राजकुमार शर्मा मौके पर पहुंचे और उन्होंने दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया। घर के भीतर संतो और शीतल अनुष्ठान करतीं मिलीं। वह जय मां दुर्गा और जय बालाजी कह रहीं थीं, जबकि संतो की बेटी प्रीति, अंजलि, सुजाता, कामनी, बेटा संजय, आकाश और प्रकाश नीम बेहोशी की अवस्था में थे। पुलिस ने सभी को एंबुलेंस से सीएचसी भेजा, जहां से उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर मेराज आलम ने बताया कि सभी ने पिछले कई दिनों से कुछ खाया-पीया नहीं है। संतो, शीतल और एक-दो अन्य लोगों के चेहरे व अन्य अंगों पर मारपीट के निशान भी हैं। सभी का इलाज किया जा रहा है। एसपी एस. आनंद ने बताया कि सूचना पर पुलिस ने रेस्क्यू कर सभी को अस्पताल में भर्ती कराया है। अन्य पहलुओं की जांच की जा रही है।
शादी के तीन सप्ताह बाद ही हुई थी विशाल की मौत
शीतल की शादी करीब चार साल पहले हुई थी। तीन सप्ताह के बाद ही विशाल की मौत हो गई थी। मामले में कुछ लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज कराया था। शीतल अक्सर नंगे पैर कई किलोमीटर तक चलकर कछियानीखेड़ा हनुमान मंदिर तक पूजन करने जाती थी।