देहरादून: भाजपा ने पूर्व सीएम हरीश रावत समेत तमाम कांग्रेसी नेताओं का अवैध मजारों के ध्वस्तीकरण पर की गई टिपण्णी को तुष्टिकरण और सनातन विरोधी बताया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस नेता खुद को सेकुलर जताने और विरोध की राजनीति करते हुए दिशा भ्रमित हो गए है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंडियत का दावा करने वालों को अपनी पार्टी के विधायक मदन बिष्ट से भी प्रेरणा लेनी चाहिए। भट्ट ने कि पूर्व सीएम हरीश रावत एवं अन्य कांग्रेस नेताओं द्वारा जानबूझकर अवैध धार्मिक अतिक्रमणों के खिलाफ टिप्पणी करने पर कड़ी आपत्ति की है । उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि तुष्टिकरण और समुदाय विशेष के जगजाहिर प्रेम के फेर मे वह अवैध धार्मिक अतिक्रमण की तुलना मंदिरों से कर देव भूमि और सनातन परंपरा का अपमान कर बैठे।
भट्ट ने हरदा समेत तमाम कांग्रेस नेताओं को चुनौती देते हुए कहा कि वह अवैध मजारों को बचाना चाहते हैं तो खुलकर सामने आएं, लेकिन पौराणिक मंदिरों को अवैध कब्जों से बनाये ढांचों के बराबर खड़ा करने की कोशिश न करे। देव भूमि के लोग से बर्दाश्त नही करेंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग प्रभु राम को काल्पनिक मानते हों, जिनके नेता हिन्दू देवी देवताओं के अपमान करने वालों को अपनी यात्राओं में साथ लेकर चलते हों, जिन्हें धर्म विशेष के लिए अलग शिक्षण संस्थान चाहिए, जिन्हें जुम्मे की नमाज के लिए छुट्टी चाहिए उनसे देवभूमि के आध्यात्मिक महत्व और धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान के सम्मान की उम्मीद करना ही बेमानी है । उन्होंने कहा कि यह सर्व विदित है कि मृत लोगों की याद में बनाये ये ढांचे, जिनमे अधिकांश में तो उनके अवशेष भी नही पाए गए, पूरी तरह भूमि पर अवैध कब्जे कर षड्यंत्र के तहत बनाये गए हैं । लेकिन कांग्रेस के लोग अपने आलाकमान को खुश करने की होड़ में अवैध धार्मिक अतिक्रमणों को ध्वस्त करने की कार्यवाही का विरोध करने के लिए देवभूमि के पौराणिक मंदिरों का अपमान करने से भी बाज नही आ रहे हैं ।
भट्ट ने हरदा की उत्तराखंडियत पर निशाना साधते हुए कहा, वे काफल, किलमोड़े के स्वाद और हिसालू के कांटों में आनंदमग्न हैं, वे बाबा केदार में डमरू बजाने का अपना वीडियो सोशल मीडिया में चमकाते भी हैं, जुड़ते बढ़ते उत्तराखंड की सड़कों के सफर में अपनी तकलीफ भी महसूस कराते हैं, लेकिन उन्हें अपने नेताओं के देवभूमि की धार्मिक भावनाओं का अपमान करने वाले बयानों से होने वाले प्रदेशवासियों के दर्द का अहसास नही होता है । लगता उन्हें भी अपने नेताओं की तरह देवभूमि के कण-कण में देवों और पत्थरों में देवालय होने का विश्वास नही है, क्योंकि ऐसी स्थिति में ही किसी को मजारों और मंदिरों में फर्क नही दिखाई देगा ।
भट्ट ने कहा कि कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां चाहे जितनी कोशिश कर ले, लेकिन संस्कृति और कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बने इन अतिक्रमणों को धामी सरकार पूरी तरह ध्वस्त करके दम लेगी । उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अवैध धार्मिक स्थलों के प्रति प्रेम प्रदेश की महान जनता देख रही है और उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।