नोएडा: नोएडा में वेब सीरीज देखकर नकली नोट छापकर बाजार में खपाने वाले एक गिरोह का नोएडा कमिश्नरेट पुलिस ने खुलासा किया है। कोतवाली सेक्टर-63 पुलिस ने महिला मास्टरमाइंड समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से करीब 57 हजार रुपये के नकली नोट मिले हैं। इन लोगों ने अभी तक 50 हजार रुपये से अधिक नकली नोट बाजार में खपा चुके हैं। पुलिस इस गिरोह के अन्य आरोपियों के बारे में पता लगा रही है।
कोतवाली सेक्टर-63 पुलिस की टीम ने शनिवार को बहलोलपुर के पास से नकली नोट की तस्करी करने वाले तीन आरोपियों को दबोच लिया। इस गिरोह की मास्टरमाइंड एक युवती है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बहलोलपुर निवासी कोमल यादव, शरगुन व धीरज के रूप में हुई है। ये सभी आरोपी ए 4 के साइज के पेपर पर 100 और 200 की नोट को छाप कर शहर के भीड़भाड़ वाले स्थानों पर बच्चों के माध्यम से खपा रहे थे। आरोपियों ने कुछ दिन पहले आई एक वेब सीरीज को देखकर नकली नोट प्रिंटिंग करने का धंधा शुरू किया था।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 54100 रुपये कीमत के 100 के नोट और 21400 रुपये कीमत के 200 रुपये के नकली नोट के साथ पांच मोबाइल, कागज, इंक, प्रिंटर, फेविकोल, स्कूटी आदि बरामद की है। डीसीपी सेन्ट्रल नोएडा रामबदन सिंह ने बताया कि पुलिस को नकली नोट प्रिंट करने की सूचना मिली थी। इसके बाद से पुलिस की टीम एक्टिव थी। इसके बाद पुलिस ने बहलोलपुर से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। ये आरोपी पिछले एक महीने से शहर में नकली नोट छाप रहे थे। पुलिस इस गिरोह के अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।
एमबीए पास कोमल है मास्टमाइंड
नकली नोट छापने के मामले में गिरफ्तार कोमल यादव एमबीए पास है और इस गिरोह की मास्टर माइंड है। एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने ट्ïयूशन पढ़ाने का काम शुरू किया। बाद में जल्दी से अमीर बनने के चक्कर में नकली नोट का धंधा शुरू कर दिया। कोमल अपने साथी शरगुन और धीरज के साथ हाल में आई वेब सीरीज फर्जी को देखा था। इसके बाद नकली नोट बनाने का धंधा शुरू करने को लेकर काम शुरू किया।
यूट्यूब से सीखा नकली नोट बनाना
डीसीपी रामबदन सिंह का कहना है कि वेब सीरीज देखने के बाद इन आरोपियों ने नकली नोट प्रिंट करने की प्लानिंग की। इसके लिए इन लोगों ने यूट्ïयूब पर नकली नोट बनाने की जानकारी ली। यूट्ïयूब देखकर जरूरी कागज, इंक और साफ्टवेयर, प्रिंटर आदि की खरीदारी की। इसके बाद आरोपियों ने घर पर नकली नोटों की प्रिंटिग शुरू कर दी। ये लोग अभी 100 व 200 रुपये के नकली नोट ही प्रिंट कर रहे थे। धीरे धीरे पांच सौ रुपये का नोट प्रिंट करने की योजना थी। इससे पहले ही ये आरोपी पकड़े गए।
नकली नोट खपाने के लिए बच्चों का इस्तेमाल
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि नकली नोट प्रिंट करने के बाद इसे खपाने के लिए बच्चों का इस्तेमाल करते थे। नकली नोट आसपास के छोटे बच्चों को देते थे। जिनको बाजारों और भीड़भाड़ वाले स्थानों में लगने वाले जूस के ठेले, फलों की दुकान, सब्जी की दुकान पर जाकर 20 से 30 रुपये का समान लेते थे। जिसके बाद वापस बचे पैसे बच्चों से ले लेते थे। बच्चों को जूस, फल मिल जाता था। कई बार बच्चों को कुछ पैसे भी दे देते थे। खासकर बच्चों को शाम या रात के वक्त नकली नोट लेकर दुकानों पर भेजते थे।