नई दिल्ली : कर्नाटक विधानसभा चुनाव के काउंटडाउन शुरू हो गए हैं। राज्य में चुनाव प्रचार जोरों पर है। सभी राजनीतिक पार्टियां जमकर रैलियां कर रही हैं। इस दौरान अलग-अलग पार्टी के नेताओं की बयानबाजी भी खूब सामने आ रही है। चुनाव प्रचार के दौरान कई विवादित और भड़काऊ बयान भी सामने आए हैं। इसे लेकर निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार के दौरान भाषा के गिरते स्तर को गंभीरता से लिया है। आयोग ने आज मंगलवार को सख्त रुख अपनाते हुए सभी राजनीतिक दलों के लिए एडवाइजरी जारी की है। आयोग ने पार्टियों से संयम बरतने और चुनावी माहौल खराब नहीं करने को कहा है।
भाषा के गिरते स्तर पर ध्यान दें प्रचारक‘
निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक चुनाव के दौरान प्रचार कर रहे तमाम स्टार प्रचारक, राष्ट्र और राज्य स्तर की सियासी पार्टियों से कहा कि वह चुनाव प्रचार के दौरान भाषा के गिरते स्तर पर ध्यान दें। चुनाव आयोग ने कहा है कि तमाम स्टार प्रचारक और राजनीतिक दल मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट और नियमों का पालन करें। चुनाव आयुक्त ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को सलाह का अनुपालन करने और मौजूदा नियामक और कानूनी ढांचे के अनुसार उचित और समय पर कार्रवाई शुरू करने का भी निर्देश दिया है।
आयोग ने अपने बयान में यह भी कहा है कि कई दलों ने इस संबंध में शिकायतें दर्ज कराई हैं, जिसमें इस तरह के उदाहरण सामने आए हैं। साथ ही इस बयाबनाजी ने मीडिया का नकारात्मक रूप से ध्यान भी आकर्षित किया है। ऐसे में स्टार प्रचारक का दर्जा रखने वाले व्यक्तियों द्वारा प्रचार के दौरान अनुचित शब्दावली और भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उन्हें राज्य में चुनावी माहौल खराब करने से बचना चाहिए।
आयोग से खरगे और उनके बेटे की शिकायत
गौरतलब है कि कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले प्रचार जोरों पर है और इसके मद्देनजर कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है। दिल्ली में आज बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और उनके बेटे प्रियांक खरगे की शिकायत की है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कांग्रेस नेताओं की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी और संवैधानिक अधिकारियों के लिए जिस तरह की आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह उनकी हताशा को दर्शाता है। हमने चुनाव आयोग से मांग की कि खरगे और उनके बेटे के खिलाफ कार्रवाई करे और आदर्श आचार संहिता लागू करे।
बीजेपी नेताओं के खिलाफ दी गई शिकायत
वहीं, कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर नफरती भाषण देने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी के तीनों नेताओं ने कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान ऐसी टिप्पणियां की, जो नफरती भाषण के दायरे में आती हैं। कांग्रेस ने चुनाव आयोगी से इन तीनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।