देहरादूनः मणिपुर में सुलग रही हिंसा के बीच उत्तराखंड की छात्रा इशिता सक्सेना भी फंसी है. ऐसे में इशिता ने मेल के जरिए सरकार से मदद की गुहार लगाई और मणिपुर से वापस लाने की मांग की है. जिस पर सीएम धामी ने अधिकारियों को इशिता को वापस लाने के निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं इशिता को मणिपुर से उत्तराखंड लाने का खर्चा सरकार वहन करेगी.
जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड की इशिता सक्सेना मणिपुर के केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय इंफाल में पढ़ाई करती है, जो मणिपुर हिंसा की वजह से फंसी हुई है. इशिता सक्सेना ने ईमेल भेजकर सरकार से मदद मांगी है. जिसका संज्ञान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिया है. सीएम धामी ने संबंधित अधिकारियों को मणिपुर में फंसी छात्रा इशिता सक्सेना को वापस लाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इसका खर्चा राज्य सरकार द्वारा वहन करने की बात कही है.
बता दें कि मणिपुर में मेइती, कुकी और नागा समुदाय में जातीय विवाद चल रहा है. मेइती समुदाय बहुसंख्यक में है. ऐसे में कुकी और नागा समुदाय लगातार मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का विरोध कर रहे हैं. गौर हो कि नागा और कुकी समुदाय को आदिवासी का दर्जा मिला हुआ है. इसके अलावा रिजर्व फॉरेस्ट एरिया से ग्रामीणों को निकालने के अभियान पर भी नाराजगी जताई है.
वहीं, जातीय विवाद के चलते मणिपुर में बीते कई दिनों से हिंसा भड़की हुई है. हिंसा की वजह से लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं. इतना ही नहीं आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट और हत्या की घटनाएं भी हुई. जिसके चलते कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है और पड़ोसी राज्यों असम, उड़ीसा में शरण लेना पड़ा है. इसके अलावा नॉर्थ ईस्ट के दूसरे राज्यों में भी फंसे लोग लगातार बाहर आ रहे हैं. उधर, हिंसा के मद्देनजर मणिपुर में आर्मी और असम राइफल्स के जवान तैनात किए गए हैं.