देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश में जो भी अवैध अतिक्रमण है उसे हर कीमत पर हटाया जायेगा। इसके लिये अभियान जारी है और यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक पूरा अतिक्रमण हट नहीं जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी अपेक्षा है कि सरकारी भूमि पर जिन लोगों ने अवैध अतिक्रमण किया है वे स्वयं उस अतिक्रमण को हटा लें, उन्होंने कहा कि कई लोगों ने स्वयं अतिक्रमण हटाने की बात उनसे कही भी है। बनभूलपुरा हल्द्वानी में सरकारी भूमि के अतिक्रमण के सम्बंध में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में भी जो भी विधि सम्मत होगा वह किया जायेगा। इस मामले में मा. न्यायालय के जो भी निर्देश, निर्णय होगा उस पर कार्यवाही की जायेगी।
उत्तराखंड में मजार जिहाद के खिलाफ सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की वन भूमि को मजार जिहाद से मुक्त करने के लिए संकल्प लिया है। लैंड जिहाद से वन भूमि को मुक्त कराने के लिए सरकार का बुलडोजर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है। धामी सरकार अब प्रदेश की एक-एक इंच जमीन का हिसाब जुटाने में लग गई है। इसी कड़ी में प्रदेशभर में अवैध कब्जों पर कार्रवाई का सिलसिला भी जारी है। उत्तराखंड में अप्रैल माह से वन भूमि क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए अवैध धार्मिक स्थलों को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई की जा रही है। अब तक पूरे राज्य में 335 मजारों को ध्वस्त किया जा चुका है। जबकि 39 मंदिरों को जंगलात की भूमि से हटाया गया है।
उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने ‘मजार जिहाद’ पर बड़ा फैसला लिया है। अब उन अधिकारियों और कर्मचारियों को चिह्नित किया जा रहा है जिनके कार्यकाल में वन विभाग की जमीन पर मजार बनाई गई। इसके लिए पुरानी तस्वीरों से वर्तमान जगह का मिलान किया जाएगा। मुख्य वन संरक्षक वन पंचायत और सामुदायिक वानिकी तथा अतिक्रमण मामले देख रहे नोडल अधिकारी डॉ. पराग मधुकर धकाते ने कहा कि सरकारी जमीनों पर मजार जिहाद के मामले में अब उन अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी गाज गिरेगी जिनके कार्यकाल में यह अवैध निर्माण हुआ है।
जिम्मेदार अधिकारियों पर भी होगी कार्रवाई
जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत वन क्षेत्र में अवैध मजारों और मंदिरों को हटाने की कार्रवाई की जा रही है। जंगलात की जमीनों पर हुए कब्जों के मामले में अब उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई होने जा रही है जिनके कार्यकाल में यह धार्मिक अतिक्रमण हुआ। प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की वन भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का संकल्प लिया है। वर्तमान में उत्तराखंड के वन भूमि क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए अवैध धार्मिक स्थलों को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई की जा रही है। अब तक पूरे राज्य में 335 मजारों को ध्वस्त किया गया है। इसके साथ ही 39 मंदिरों को भी तोड़ा गया है। जबकि दो गुरुद्वारों को नोटिस भेजा गया है।