न्यूज़ डेस्क: चीन में गधों की आबादी में तेजी से गिरावट देखने को मिली है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बेहरमी से उनकी हत्या करना और फिर उनके खाल को बेचना शामिल है. चीन में गधों की आबादी में कितनी तेजी से गिरावट हो रही इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले सात साल में इनकी संख्या 8 लाख से सीधे 4 लाख पर आ गई है. चीन में सबसे ज्यादा गधे तुर्काना काउंटी में पाले जाते हैं. सबसे ज्यादा मारे भी यहीं जा रहे हैं. गधा पालने वालों को कहना है कि जानवर की खाल बेचने के लिए पहले इनकी चोरी की जाती है और उन्हें बेरहमी से मारकर उनका खाल उतार लिया जाता है. बाद में इस खाल को बेच दिया जाता. चीन में इनके खाल की डिमांड इसलिए है क्योंकि इसका इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है. काउंटी के पशु विभाग के आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि तुर्काना में, जहां देश की गधों की आबादी का 30 फीसदी हिस्सा है, में जानवरों की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिली है. 2016 में जहां इनकी संख्या 8 लाख थी वहीं वर्तमान में इनकी घटकर 4 लाख पर आ गई है.
रात में गधे चोरी कर ले जाते हैं डाकु
केन्या के एसोशिएशन ऑफ डोंगी ऑनर्स तुर्काना चैप्टर के चेयरमैन अल्बर्ट नायदा बताते हैं कि गधों की चोरी और इनको मारने के लिए डाकुओं की एक नस्ल है. जो पहले इन्हें चुराते हैं और फिल गला काट कर गर्दन के नीचे की खाल निकाल लेते हैं और बाकी हिस्से को गिद्धों और लकड़बग्धों को खाने के लिए छोड़ देते हैं. अल्बर्ट के मुताबिक, इसके पीछे पूरा एक सिंडिकेट काम करता है जो शहर के बाहरी इलाके में बसे बूचड़खाने को खाल की आपूर्ति करता है.
हालांकि, सरकार की ओर से कई बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है और बंद करने का आदेश भी दिया गया है. गधों की खाल को बूचड़खानों में बने गोदाम में इकट्ठा किया जाता है और फिर बाद में काउंटी से बाहर ले जाया जाता है. गधों की चोरी का काम रात में किया जाता है जब सभी लोग सोए रहते हैं.
By TV9 Bharatvarsh via Dailyhunt