उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दंगा भड़काने की सुनियोजित साजिश के आरोपों के संबंध में स्थानीय भाजपा नेता मदन मोहन जोशी तथा अन्य लोगों की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 8 दिसंबर की तारीख तय की है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दंगा भड़काने की सुनियोजित साजिश के आरोपों के संबंध में स्थानीय भाजपा नेता मदन मोहन जोशी तथा अन्य लोगों की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 8 दिसंबर की तारीख तय की है।
चीफ जस्टिस जी. नरेंद्र और जस्टिस सुभाष उपाध्याय की बेंच ने मामले की सुनवाई की। बेंच ने नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र के भाजपा के स्थानीय नेता मदन मोहन जोशी तथा अन्य लोगों की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। बेंच ने कई अन्य संबंधित याचिकाओं की सुनवाई के लिए अगली तारीख 8 दिसंबर तय करते हुए नैनीताल के एसएसपी को भी उस दिन मौजूद रहने के निर्देश दिए।
हाईकोर्ट की कार्यवाही के दौरान अन्य आरोपी व्यक्तियों की ओर से पेश वकील ने कहा कि वे अदालत के सामने सरेंडर करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने अपनी याचिकाएं वापस लेने की अनुमति दिए जाने की भी प्रार्थना की।
रामनगर के छोई क्षेत्र में 23 अक्टूबर को गोमांस लाने के आरोप में नासिर नाम के व्यक्ति को कथित रूप से पीटे जाने के बाद उसकी पत्नी नूरजहां ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए सुरक्षा की मांग की थी।
नूरजहां की ओर से कहा गया था कि स्थानीय भाजपा नेता मदन जोशी लाइव वीडियो सहित फेसबुक पर लगातार भड़काऊ सामग्री पोस्ट कर रहे हैं और 23 तारीख की अपनी कार्रवाई को उचित ठहराते हुए धार्मिक भावनाएं भड़काने का प्रयास रहे हैं।
अपनी पूर्व की सुनवाइयों में हाईकोर्ट ने रामनगर पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि न तो मदन जोशी और न ही उनका कोई समर्थक सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री पोस्ट करे। हाईकोर्ट ने जांच अधिकारी को जोशी द्वारा फेसबुक पर डाली गई सभी भड़काऊ पोस्ट को हटाने के भी निर्देश दिए थे।
कोर्ट को बताया गया था कि उस दिन छोई में वाहन में ले जाया जा रहा मांस भैंस का था, जिसके लिए बरेली के एक सप्लायर द्वारा वैध लाइसेंस और फूड सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी किया गया था।
हाईकोर्ट ने रामनगर पुलिस को आरोपी मदन जोशी के राजनीतिक दबाव में नहीं आने तथा कानून एवं सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
