देहरादून: UKSSSC पेपर लीक केस में उत्तराखंड पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पेपर लीक का कथित मास्टरमाइंड खालिद गिरफ्तार हो गया है. खालिद को हरिद्वार से दबोचा गया है. पुलिस के अनुसार खालिद के मोबाइल से काफी अहम जानकारियां मिली हैं. पेपर लीक के मास्टर माइंड को देहरादून ट्रांसफर की तैयारी में पुलिस लगी है. फिलहाल हरिद्वार एसएसपी और देहरादून एसएसपी द्वारा गोपनीय स्थान पर परीक्षा पेपर लीक के मास्टर माइंड से पूछताछ जारी है.
उत्तराखंड में पेपर लीक का हंगामा कोई नया नहीं, जानें क्या क्या हुआ है अभी तक: उत्तराखंड में सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं. लेकिन हाल ही में UKSSSC की स्नातक स्तर की परीक्षा में हुए मामले ने राज्य में हलचल मचा दी है. ताज़ा मामला 21 सितंबर, रविवार को हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से आया, जहां अचानक कुछ प्रश्नपत्र लीक होने की जानकारी मिली. इस घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया. इस कार्रवाई में हाकम सिंह भी शामिल था जो 2022 में भी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हो चुका है. फ़िलहाल ये मामला युवाओं के सड़कों पर उतरने के बाद फिर से ना केवल सुर्खियों में है बल्कि विवाद बढ़ता जा रहा है.
जब मामला आया चर्चा में: उत्तराखंड में UKSSSC के पेपर लीक की घटनाएं पिछले कई सालों से सामने आती रही हैं. या ये कहें इन खबरों ने उत्तराखंड को देश में अलग स्थान भी दिया. जब बार बार पेपर लीक जैसे मामले हर परीक्षा के बाद सामने आये. 2022 में स्नातक स्तर की 916 पदों के लिए आयोजित परीक्षा में लगभग 1 लाख 90 हजार अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था. प्रारंभ में शिकायतें छोटी-छोटी अनियमितताओं के रूप में सामने आईं, लेकिन धीरे-धीरे मामला गंभीर घोटाले का रूप ले गया. संदिग्ध गतिविधियों के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उस वक्त मामले में तुरंत हस्तक्षेप किया और जांच के आदेश दिए. 22 जुलाई 2022 को मामले में मुकदमा दर्ज किया गया और पुलिस ने जांच एसटीएफ को सौंप दी थी.
जब आये सबसे पहले नाम: उस वक्त एसटीएफ ने जांच में पाया कि मनोज जोशी और तुषार चौहान पेपर अभ्यर्थियों को 15-15 लाख रुपये में बेच रहे थे. हैरानी तब हुई जब ये बात सामने आई की पेपर खरीदने के लिए कुछ अभ्यर्थियों ने लोन लिया और अपनी जमीनें तक बेच दीं. इस पूरे मामले में उस वक्त कई छात्र पास हुए तो कई फेल भी हुए थे. अब तक लगभग 200 लोगों पर पुलिस पेपर लीक मामले में कार्रवाई भी कर चुकी थी.
फिर और चौंकाने वाले मामले सामने आये: राज्य में पेपर लीक का हल्ला इतना बढ़ गया था कि चारों तरफ एक ही आवाज थी कि राज्य में हाल में हुए सभी एग्जाम की जाँच करवाई जाए. इसके बाद एसटीएफ ने राज्य की अन्य भर्ती परीक्षाओं की जांच भी शुरू की जिसमे सचिवालय रक्षक, कनिष्ठ सहायक ज्यूडिशियरी, फॉरेस्ट गार्ड जैसी परीक्षा शामिल थीं. जांच में भी इन सभी में भारी अनियमितताएं मिलीं. इसके बाद 2022 में उत्तराखंड एसटीएफ ने 16 सितंबर को इस गिरोह के मास्टरमाइंड सैयद सादिक मूसा और उसके करीबी योगेश्वर राव को यूपी पुलिस के सहयोग से लखनऊ से गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही बीजेपी से ताल्लुक रखने वाले हाकम सिंह और अन्य लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
आयोग और अधिकारियों पर कार्रवाई: बाद में इस मामले में UKSSSC पर भी गंभीर आरोप लगे और एसएसएससी के चेयरमैन एस. राजू ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा भी दे दिया था. इसके साथ ही आयोग के कुछ और अधिकारियों पर भी गाज गिरी थी. इनमें पूर्व सचिव संतोष बडोनी को निलंबित किया गया जबकि अनुभाग अधिकारी और समीक्षा अधिकारी को भी पद से हटाया गया. मामले में संलिप्तता के चलते 16 अन्य कर्मचारियों का भी तबादला किया गया. बाद में कुछ अधिकारियों का निलंबन वापस लिया गया जिसमें हाल में संतोष बडोनी का नाम भी निलंबन वापसी में शामिल है.
उस मामले के बाद कई परीक्षा हुई सफल: इन तमाम बीती घटनाओं के बाद से लेकर अब तक लगभग 10 परक्षाएं सम्मान हुई और सभी सही से निपटी. लेकिन रविवार 21 सितम्बर को हुई परीक्षा से पहले हाकम की गिरफ़्तारी और उसके बाद परीक्षा के कुछ सवाल बहार आने से उत्तराखंड में फिर से बेरोजगार युवा सड़कों पर आ गए. राजधानी देहरादून से लेकर चमोली और खटीमा से लेकर राज्य के तमाम हिस्सों में भारी प्रदर्शन हो रहे हैं. बेरोजगार संगठन के कुछ पदाधिकारियों से सीएम धामी ने सचिवालय में मुलाकात भी की और उनकी बात सुनी भी.
मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ये घटना युवाओं और उनके भविष्य के साथ हुई है तो उन्होंने कहा ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विशेष कानून हमने बनाया है जो कि राज्य में कई लोगों को अभी तक जेल में डाल चुका है. इसके साथ ही सीएम ने कहा कि संगठन की कुछ मांगें है और उनसे बात करके जल्द उस पर कोई निर्णय लिया जायेगा.
क्या बोले मुलाकात के बाद बेरोजगार संगठन के लोग: बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलकर युवाओं की तमाम मांगों को उनके समक्ष रखा. डेलिगेशन में प्रमुख रूप से पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच कराने परीक्षा को तुरंत निरस्त करते हुए पुनः परीक्षा करवाने की मांग रखी गई. इसके अलावा जिस महिला पर जोर जबरदस्ती मुकदमा किया है, उस मुकदमे को वापस लिए जाने की भी मांग रखी गई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता बरते जाने का भी आग्रह किया गया है. इसको लेकर युवाओं ने कुछ मांगों के लिए दिन का समय और कुछ मांगों के लिए रात का समय दिया था. लेकिन उनकी मांगों की दिशा में कोई बात बनती भी दिखाई नहीं दे रही है. इसलिए उन्होंने अपने आंदोलन को जारी रखने का निर्णय लिया है.
