देहरादून: उत्तराखंड सरकार इन्वेस्टर्स समिट के लिए विदेशी निवेशकों को लेकर कुछ खास प्लान तैयार कर चुकी है. दरअसल सरकार ने यूरोप के देशों को उत्तराखंड में निवेश के लिए आमंत्रित करने की जगह सिंगापुर और दुबई को फोकस किया है. हालांकि अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से राज्य में होने वाली इन्वेस्टर्स समिट पर हरी झंडी मिलना बाकी है. प्रधानमंत्री का समय मिलने के साथ ही इन्वेस्टर समिट पर सरकार अंतिम निर्णय लेगी.
इन्वेस्टर्स समिट में विदेशी निवेशकों को लुभाने का प्लान
उत्तराखंड में दूसरी इन्वेस्टर समिट न केवल देशभर के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए की जा रही है, बल्कि इसमें विदेशी निवेशकों को भी विशेष प्लान के तहत राज्य में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. दरअसल यूरोप के कई देशों में आर्थिक मंदी के चलते सिंगापुर और दुबई के कई बड़े निवेशक इन देशों में निवेश करने से बच रहे हैं. जबकि भारत में निवेश की संभावनाओं को देखते हुए लगातार निवेशकों का यहां आना जारी है. ऐसे नहीं बड़े निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है.
यूरोप की मंदी का लाभ उठाएगा उत्तराखंड
खास बात यह है कि उत्तराखंड सरकार ने सिंगापुर और दुबई के निदेशकों को खास तौर पर इस बार इन्वेस्टर्स समिट में फोकस करने का फैसला किया है. राज्य सरकार का मानना है कि यूरोप के कई देश आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं. ऐसे में सिंगापुर और दुबई के इन्वेस्टर्स यूरोप में इन्वेस्ट करने से बच रहे हैं. लिहाजा ऐसे समय में उत्तराखंड इन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है.
सिंगापुर और दुबई के निवेशकों पर होगा फोकस
वैसे तो उत्तराखंड सरकार पहले ही सिंगापुर और दुबई में दो रैलियां आयोजित कर निवेशकों को उसके जरिए इन्वेस्टर समिट में आकर्षित करने का फैसला कर चुकी है. लेकिन अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समय मिलना बाकी है. पहले राज्य सरकार अक्टूबर महीने में इन्वेस्टर समिट करने पर विचार कर रही थी.
दिसंबर में हो सकती है उत्तराखंड की इन्वेस्टर्स समिट
अब इन्वेस्टर समिट को लेकर कुछ समय और लेते हुए दिसंबर के दूसरे हफ्ते में इसके आयोजन पर विचार बन रहा है. हालांकि इसका अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समय मिलने के बाद ही हो सकेगा. वैसे जुलाई महीने से ही भारत में 5 से 6 रैलियों और विदेश में दो रैलियों को आयोजित करने के लिए फिलहाल तैयारियां चल रही हैं.