विनय शंकर पांडे ने संभाला गढ़वाल कमिश्नर का कार्यभार, IAS सौरभ गहरवार की नाराजगी पर कही ये बात

खबर उत्तराखंड

देहरादूनः गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार के रिटायरमेंट के बाद विनय शंकर पांडे को गढ़वाल कमिश्नर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. आज नवनियुक्त गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने कार्यभार संभाल लिया है. इस दौरान पर उन्होंने गढ़वाल क्षेत्र में होने वाली चारधाम और कांवड़ यात्रा की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद रखने की बात कही. साथ ही उन्होंने डीएम सौरभ गहरवार के इस्तीफे की खबर का खंडन भी किया. उधर, सौरभ गहरवार रुद्रप्रयाग डीएम का पदभार संभाल चुके हैं.

गढ़वाल के नए कमिश्नर के रूप में विनय शंकर पांडे ने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है. विनय शंकर पांडे मौजूदा समय में मुख्यमंत्री धामी के सचिव भी हैं. पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं भी बताई. उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता चारधाम यात्रा और कल से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा है. इसके साथ ही बरसात का मौसम भी चल रहा है तो कोई भी राजमार्ग बंद न हों, ये मुख्य प्राथमिकता रहेगी.

उन्होंने आगे बताया कि ऐसे मौसम में कहीं पर किसी को राशन और स्वास्थ्य संबंधी समस्या हों, उसका भी निदान करने के लिए प्राथमिकता तय की जाएगी. उन्होंने बताया कि कल से कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है. बीते साल कांवड़ यात्रा में 4 करोड़ से ज्यादा लोग पहुंचे थे. इस साल इससे ज्यादा से लोगों की आने की संभावना है. लोग यहां से अच्छा अनुभव लेकर वापस जाएं, यह हमारी प्राथमिकता रहेगी.

विनय शंकर पांडे ने कहा कि व्यवस्थाओं को देखने के लिए वो खुद हरिद्वार का दौरा करेंगे और वहां पर विकास कार्यों का जायजा लेंगे. उत्तराखंड में कई योजनाएं चल रही हैं. उनकी प्राथमिकता है कि ये सभी योजनाएं लोगों तक पहुंचे और इसका लाभ लोगों को मिल सके. क्योंकि, यही मुख्यमंत्री धामी का सपना भी है. उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश में किसी भी विभाग में भ्रष्टाचार न हो, इसको भी सुनिश्चित किया जाएगा.

गढ़वाल कमिश्नर मुख्यालय पौड़ी में है. ऐसे में वे महीने में करीब 10 दिन पौड़ी में ही बैठेंगे. ताकि, पहाड़ के लोगों को किसी तरह की समस्या न हों. वहीं, उन्होंने कहा कि रुद्रप्रयाग के नए जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने पदभार ग्रहण कर लिया है. उनको लेकर सोशल मीडिया में भ्रामक प्रचार प्रसार किया जा रहा है, जो सरासर गलत है. उनकी शासन से कोई भी नाराजगी नहीं है. उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है, जिसके तहत वे केदारनाथ के सभी प्रोजेक्ट को गंभीरता से देखेंगे.

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