मिस्त्र के इस पिरामिड में भरा हो सकता है फिरौन का खजाना, खोजने में जुटे वैज्ञानिक !

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न्यूज़ डेस्क: मिस्त्र के ग्रेट पिरामिड में एक ‘सीक्रेट जगह’ का रहस्य सुलझाने में वैज्ञानिक जुटे हुए हैं. उनका मानना है कि उस जगह में मिस्त्र के फिरौन का अमूल्य खजाना भरा हो सकता है. जिसे खोजने के लिए वैज्ञानिक दिन-रात एक किए हुए हैं. उस फिरौन ने 26वीं शताब्दी ईसा पूर्व में मिस्त्र पर शासन किया था. ‘फिरौन’ अक्सर प्राचीन मिस्र के राजाओं के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है.

कब मिली थी यह सीक्रेट जगह’?

‘डेलीस्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रेट पिरामिड के अंदर यह ‘सीक्रेट जगह’ पहली बार 2017 में खोजी गई थी. तब से उस पर रहस्य बरकरार था, क्योंकि किसी को पता नहीं था कि उसके अंदर क्या था. अब वैज्ञानिक इस रहस्य का पता लगाने में जुटे हुए हैं. इसके लिए वे बेहतरीन स्कैनिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं. उनको उम्मीद है जल्द ही पिरामिड के अंदर स्थित इस खाली जगह के बारे में कोई नई जानकारी सामने आएगी. वैज्ञानिकों को हाल ही में पता चला कि चैंबर पहले सोचे गए अनुमान से 10 मीटर बड़ा है, जिससे इसकी लंबाई 40 मीटर हो गई है.

पुरातत्व पॉडकास्ट एन्सिएंट आर्किटेक्ट के मैथ्यू सिबसन ने खाली जगह में क्या हो सकता है, इसके बारे में कुछ सिद्धांत पेश किए. उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों का मानना ​​है कि वह खाली जगह एक या एक से अधिक ड्योढ़ी है, जहां खुफू ने बहुमूल्य शाही और धार्मिक वस्तुएं इकट्ठा कीं, जिनका वह बाद के जीवन में उपयोग करता. हम तीन अलग-अलग चैंबरों को एक साथ देख सकते हैं और उनमें से एक खुफू का अंतिम विश्राम स्थल भी हो सकता है. ऐसी भी अटकलें हैं कि उस जगह में मम्मियां भी हो सकती हैं.

बता दें कि खुफू एक प्राचीन मिस्र का राजा था, जो पुराने साम्राज्य काल के पहले भाग में चौथे राजवंश का दूसरा फिरौन था. जापानी एक्सपर्ट युकिनोरी कावे के हालिया एनालिसिस से पता चलता है कि छिपी हुई जगह स्लाइडिंग ग्रैंड गैलरी के समानांतर नहीं चलती है, जैसा कि मूल रूप से सोचा गया था, लेकिन वास्तव में चार मीटर चौड़ा और चार मीटर लंबा एक चैंबर है. एक्सपर्ट अब सोचते हैं कि चैंबरों तक 2017 में खोजे गए उस रहस्यमय गलियारे से पहुंचा जा सकता था, और पिरामिड के भीतर कमरों के दो पूरी तरह से सेट हो सकते हैं.

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