नई दिल्ली: कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की संसद सदस्यता चली गई है. इसके बाद उनका पहला रिएक्शन आया है. उन्होंने कहा है, मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है. मैंने अडानी का मुद्दा उठाया था और आगे भी उठाती रहूंगी. किसी भी उपहार की नकदी का कोई सबूत नहीं है.
महुआ मोइत्रा ने कहा कि निष्कासन की सिफारिश पूरी तरह से इस आधार पर है कि मैंने अपना पोर्टल लॉगिन साझा किया है. इसको नियंत्रित करने के लिए कोई भी नियम नहीं हैं. एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है. यह आपके (बीजेपी) अंत की शुरुआत है.
‘एक महिला सांसद को किस हद तक परेशान करेंगे‘
उन्होंने कहा, अगर मोदी सरकार ने सोचा है कि मुझे चुप कराकर अडानी मुद्दे को खत्म कर देंगे तो बता दूं कि आपने जो जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है, वह दर्शाता है कि अडानी आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है. आप एक महिला सांसद को किस हद तक परेशान करेंगे.
टीएमसी सांसद के रूप में अपने निष्कासन के बाद महुआ मोइत्रा ने कहा, "एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है,यह आपके (बीजेपी) अंत की शुरुआत है। pic.twitter.com/ZgD2Axs1qI
— ठाkur Ankit Singh (@liveankitknp) December 8, 2023
बीजेपी का रवैया देखकर दुख हो रहा- ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि आज बीजेपी का रवैया देखकर दुख हो रहा है. उन्होंने लोकतंत्र को कैसे धोखा दिया. महुआ को अपना पक्ष रखने की अनुमति नहीं दी. सरासर अन्याय हुआ है. वहीं केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार ने कहा कि एक दिन में महुआ मोइत्रा पोर्टल दिल्ली, बेंगलुरु, दुबई और अमेरिका से खुलता है… किसके लिए? एक कॉर्पोरेट हाउस और एक व्यापारी के लिए.
महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने पर ममता बनर्जी ने कहा,
आज मुझे बीजेपी पार्टी का रवैया देखकर दुख हो रहा है…उन्होंने लोकतंत्र को कैसे धोखा दिया…उन्होंने महुआ को अपना रुख स्पष्ट करने की अनुमति नहीं दी। सरासर अन्याय हुआ है।"#MahuaMoitra pic.twitter.com/2zhZPd9Xlr— imran ali (@imu07280300033) December 8, 2023
‘सांसद के रूप में महुआ मोइत्रा का आचरण अनैतिक‘
महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता जाने का प्रस्ताव पारित होने के बाद विपक्षी सांसद संसद परिसर से वॉकआउट कर गए. एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को लेकर जैसे ही लोकसभा में रिपोर्ट पर चर्चा हुई TMC सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने अनुरोध किया कि महुआ मोइत्रा को सदन के सामने अपना पक्ष रखने की अनुमति दी जाए.
संसद सदस्यता को लेकर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि यह सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था. इसलिए उनका सांसद बना रहना उचित नहीं है.
‘3-4 दिन का समय दिया होता तो आसमान नहीं गिर जाता‘
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, जैसा कि अधीर रंजन ने कहा अगर हमने इस रिपोर्ट का संज्ञान लेने के लिए 3-4 दिन का समय दिया होता और फिर सदन के सामने अपनी राय रखी होती तो आसमान नहीं गिर जाता. क्योंकि सदन एक बेहद संवेदनशील मामले पर फैसला लेने जा रहा है.
क्या आचार समिति की प्रक्रिया प्राकृतिक न्याय के मूल सिद्धांत को खत्म कर सकती है, जो दुनिया की हर न्याय प्रणाली का आयोजन सिद्धांत है? हमने अखबार में जो पढ़ा जिसे अभियुक्त बनाया गया. उन्हें अपनी अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया गया, यह कैसी प्रक्रिया है?.
‘आज गांधी और अंबेडकर की आत्मा रो रही होगी‘
इस मामले में BSP सांसद दानिश अली ने कहा कि कमेटी ने अपनी सिफारिश में हमारा भी जिक्र किया है. इसकी वजह ये है कि हम महुआ मोइत्रा को न्याय दिलाना चाहते हैं. संसद की मर्यादा तो रमेश बिधूड़ी ने भंग की थी. पूरी दुनिया ने उनका बरताव देखा था. आज जो हुआ उससे गांधी और अंबेडकर की आत्मा रो रही होगी.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाया था आरोप
बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था. दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत का पत्र दिखाया था. इसमें दावा किया था कि घूस का लेनदेन महुआ और हीरानंदानी के बीच हुआ था. आरोप लगने के बाद महुआ ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और जय अनंत को कानूनी नोटिस भेजा था. महुआ ने आरोपों को बेबुनियाद बताया था.
टीएमसी सांसद के रूप में अपने निष्कासन के बाद महुआ मोइत्रा ने कहा, “एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है,यह आपके (बीजेपी) अंत की शुरुआत है।