देहरादून: लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तराखंड का अपडेटेड वोट प्रतिशत आ गया है. निर्वाचन आयोग ने शनिवार सुबह जो नया आंकड़ा दिया है, उसके अनुसार उत्तराखंड की 5 लोकसभा सीटों पर कुल 55.89 फीसदी मतदान हुआ है. निर्वाचन आयोग ने जिलेवार मतदान का आंकड़ा भी दिया है.
अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा सीट पर 46.94 फीसदी मतदान
उत्तराखंड निर्वाचन आयोग ने जो अपडेटेड आंकड़ा दिया है, उसके अनुसार अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा सीट पर 46.94 फीसदी मतदान हुआ है. ये उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों में सबसे कम मतदान प्रतिशत है. अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा सीट पर कुल 7 प्रत्याशी मैदान में हैं. इस लोकसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या 13,39,327 मतदाता हैं. लेकिन आधे मतदाताओं ने भी अपने मत का प्रयोग नहीं किया. इस सीट पर बीजेपी के अजय टम्टा और कांग्रेस के प्रदीप टम्टा के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है. अजय टम्टा 2019 में अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट से विजयी हुए थे. अजय टम्टा को 20219 के लोकसभा चुनावों में 4,44,651 वोट मिले थे. उस चुनाव में अजय टम्टा का वोट शेयर 64 प्रतिशत रहा था.अल्मोड़ा लोकसभा सीट के विधानसभा क्षेत्रों की बात करें तो सल्ट विधानसभा सीट पर प्रदेश भर में सबसे कम मात्र 32 फीसदी मतदान हुआ.
नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर 61.35 फीसदी मतदान
कुमाऊं मंडल की नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर 61.35 फीसदी मतदान हुआ है. ये मतदान उत्तराखंड में इस लोकसभा चुनाव में हुए मतदान का दूसरा सर्वोच्च वोटिंग प्रतिशत है. यहां 10 प्रत्याशियों को राजनैतिक भविष्य को तय करने के लिए 20,15,809 मतदाता थे. इनमें से 61.35 प्रतिशत वोटरों ने ही अपने मत का प्रयोग किया है. इस सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी के अजय भट्ट और कांग्रेस के प्रकाश जोशी के बीच माना जा रहा है. अजय भट्ट 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हरीश रावत को भी हरा चुके हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में अजय भट्ट को 7,72,195 वोट मिले थे और उनका वोट शेयर 61 प्रतिशत था.
गढ़वाल लोकसभा सीट पर करीब 50.84 फीसदी मतदान
उत्तराखंड निर्वाचन आयोग ने पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट का भी अपडेटेड वोट प्रतिशत जारी किया है. गढ़वाल लोकसभा सीट पर 50.84 फीसदी मतदान हुआ है. गढ़वाल मंडल की इस सीट पर 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इस सीट पर 13,69,388 वोटर हैं, जिनमें से सिर्फ 50.84 प्रतिशत वोटरों ने ही वोट डाला है. इस सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी के अनिल बलूनी और कांग्रेस के गणेश गोदियाल के बीच माना जा रहा है. 2019 में इस सीट पर बीजेपी के तीरथ सिंह रावत को 5,06,980 वोट मिले थे. उनका मत शेयर 68 फीसदी रहा था.
टिहरी लोकसभा सीट पर 52.57 फीसदी मतदान
उत्तराखंड निर्वाचन आयोग ने मत प्रतिशत को जो अपडेटेड आंकड़ा दिया है, उसके अनुसार टिहरी लोकसभा सीट पर 52.57 फीसदी मतदान हुआ है. उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों में मतदान प्रतिशत के मामले में हरिद्वार और उधमसिंह नगर के बाद टिहरी गढ़वाल तीसरे नंबर पर है.
टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट पर कुल 15,77,664 हैं. इनमें से सिर्फ 52.57 फीसदी मतदाताओं ने भी 11 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करने के लिए मताधिकार का प्रयोग किया. टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी की माला राज्य लक्ष्मी शाह और कांग्रेस के जोत सिंह गुनसोला के बीच माना जा रहा है. ऐसी भी चर्चा है कि निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार दोनों बड़ी पार्टियों के चुनावी समीकरण को बिगाड़ सकते हैं. टिहरी की रानी माला राज्य लक्ष्मी शाह 2009 से लगातार टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट पर अजेय बनी हुई हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में माला राज्य लक्ष्मी शाह को 5,65,333 वोट मिले थे. उनका वोट शेयर 65 फीसदी रहा था.
हरिद्वार लोकसभा सीट पर करीब 62.36 फीसदी मतदान
हरिद्वार लोकसभा सीट पर उत्तराखंड की पांचों सीटों में सबसे ज्यादा मतदान हुआ है. राज्य निर्वाचन आयोग ने जो अपडेटेड आंकड़े जारी किए हैं, उनके अनुसार हरिद्वार लोकसभा सीट पर कुल 62.36 फीसदी मतदान हुआ है. यानी लोकसभा चुनाव 2024 में हरिद्वार लोकसभा सीट मत प्रतिशत में पहले नंबर पर है.
हरिद्वार लोकसभा सीट पर 20,35,726 मतदाता हैं. इनमें से 62.36 फीसदी ने 14 प्रत्याशियों की किस्मत को ईवीएम में कैद कर दिया है. हरिद्वार लोकसभा सीट से बीजेपी की ओर से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, कांग्रेस से हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत और बसपा से जमील अहमद कासमी चुनाव लड़ रहे हैं. खानपुर विधायक उमेश कुमार शर्मा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. 2019 में हरिद्वार लोकसभा सीट से बीजेपी के रमेश पोखरियाल निशंक जीते थे. तब निशंक को 6,65,674 वोट मिले थे जबकि उनका वोट शेयर 52 फीसदी था.
2019 में हुआ था इतने फीसदी मतदान
2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचों सीटों पर मिलाकर कुल 61.50 प्रतिशत मतदान हुआ था. तब तीन सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी 3 लाख मतों से ज्यादा और दो सीटों पर दो लाख से ज्यादा मतों से जीते थे.