नई दिल्ली: केरल राज्य का नाम जल्द बदल सकता है। राज्य की पिनाराई विजयन सरकार ने बीते दिन यानी 24 जून को सर्वसम्मति से केरल विधानसभा में एक प्रस्ताव पास किया है। इस प्रस्ताव में राज्य का नाम ‘केरल’ से बदलकर ‘केरलम’ करने के लिए संविधान संशोधन करने की बात कही गई। विधानसभा में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पेश किए गए प्रस्ताव में पहली अनुसूची में इस बदलाव को लागू करने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 3 को लागू करने का आह्वान किया।
पिछले साल भी लाई थी प्रस्ताव
गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं है कि जब केरल सरकार कोई ऐसा प्रस्ताव लेकर विधानसभा में आई है, पिछले साल में राज्य सरकार ने इसे लेकर एक प्रस्ताव पास किया था, जिसे केंद्र सरकार ने वापस भेज दिया था। जानकारी दे दें कि केरल ने संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध सभी भाषाओं के नामों को संशोधित करके ‘केरलम’ करने की मांग की थी। हालाँकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय की सलाह के बाद, सरकार का ध्यान केवल पहली अनुसूची में संशोधन करने पर चला गया, और सरकार को 9 अगस्त 2023 को पारित प्रस्ताव को संशोधित करने के लिए प्रेरित होना पड़ा।
होगा मलयालम नाम ‘केरलम’
द हिन्दू की खबर के मुताबिक, विजयन ने आगे कहा कि राज्य का मलयालम नाम ‘केरलम’ होने के बावजूद, इसे आधिकारिक तौर पर ‘केरल’ के रूप में दर्ज किया जाता है। प्रस्ताव का उद्देश्य आधिकारिक नाम को मलयालम उच्चारण के साथ जोड़ा जाए। चर्चा के दौरान, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के एन. समसुदीन ने केंद्र द्वारा अस्वीकृति को रोकने के लिए प्रस्ताव में संशोधन का प्रस्ताव रखा, लेकिन इस प्रस्ताव को अंततः सदन ने खारिज कर दिया। उन्होंने उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की जो मूल प्रस्ताव में “चूक” के लिए जिम्मेदार थे।