देहरादून: सेना में अग्निवीर योजना के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दल मोर्चा खोले हुए हैं. विपक्षी दलों के नेताओं ने इस योजना को युवाओं के साथ धोखा भी करार दिया है. हालांकि समय-समय पर केंद्र सरकार और भाजपा संगठन अग्निवीर पर सफाई पेश करते रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद यह मुद्दा चुनाव में छाया रहा. अब उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अग्निवीर योजना को लेकर बड़ा बयान दिया है. सीएम धामी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड सरकार अग्निवीरों के वापस लौटने के बाद उन्हें विशेष तौर पर प्राथमिकता देने जा रही है. ऐसे युवाओं को सरकार उत्तराखंड में समायोजित करने के लिए कदम उठाएगी.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जब अग्निवीर योजना आई थी तभी उन्होंने पूर्व सैनिकों से मिलकर इस पर बात की थी और यह भी स्पष्ट कर दिया था कि ऐसे युवाओं को सरकार के विभिन्न विभागों में समायोजित किया जाएगा. हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी साल 2022 में ही अग्निवीर में भर्ती हुए युवाओं को वापस आने पर उन्हें विशेष तवज्जो दिए जाने की बात कह चुके हैं, लेकिन अब उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में पुलिस विभाग के साथ ही बाकी विभागों में भी ऐसे युवाओं को रखा जाएगा. इतना ही नहीं इसके लिए राज्य सरकार को यदि आरक्षण लागू करने की आवश्यकता होगी तो वह मंत्रिमंडल में इस प्रस्ताव को लाकर अग्निवीर के लिए आरक्षण भी लागू करवाएंगे.
साथ ही इसके लिए एक्ट बनाने की जरूरत महसूस होने पर विधानसभा में लाकर एक्ट भी बनाया जाएगा. उत्तराखंड सैन्य बाहुल्य प्रदेश है और अग्निवीर का मुद्दा उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के दौरान काफी ज्यादा सुनाई दिया था और कांग्रेस के नेताओं ने इस विषय को भुनाने की भी कोशिश की थी. हालांकि कांग्रेस को इसका फायदा नहीं मिल पाया था, लेकिन सेना में उत्तराखंड के लोगों के भारी संख्या में होने के कारण प्रदेश में अक्सर अग्निवीर का मामला उठता रहता है. जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर स्थिति स्पष्ट करते हुए इसके लिए आरक्षण लागू करने या एक्ट लाने तक की बात कह दी है.