देहरादून: भारतीय जनता पार्टी की धामी सरकार के मंत्री, विधायक व संगठन के बीच चल रहे अंतर्द्वंद के साथ ही सरकार व संगठन में खींच तान सुरु हो गयी है , जँहा एक ओर संगठन को विश्वास में लिए वगैर ही धामी सरकार के द्वारा बड़े बड़े निर्णय लिए जा रहे है वंही मंत्रियों ने भी सरकार व संगठन के कार्यकर्ताओं को दरकिनार करते हुए अपने परिवार को मजबूत करने का कार्य सुरु कर दिया है जिससे धामी सरकार की किरकिरी हो रही है और धामी सरकार के बिरोधी भी सक्रीय हो रहे है । जिसकी झलक अब मंत्रियों के कारनामें से भी झलकने लगी है।
ताजा मामला टिहरी झील में हाउसबोट(क्रूज) संचालन की टेण्डर प्रक्रिया में मंत्री के पुत्र व जिलापंचायत अध्यक्ष के पति का नाम आने से स्थानीय लोगों और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध सुरु कर दिया है , यंहा आपको बतादे कि टिहरी झील में हाऊसबोट(क्रूज) संचालन हेतु आवेदन मांगे गए थे जिसमें दो हाउसबोटों की अनुमति है और उसके अगेंस्ट छह आवेदन TADA को प्राप्त हुए , जिसकी प्रजेंटेशन 28 अगस्त को जिलाधिकारी ने अपने कार्यालय में रखी है। इसमे गौर करने की बात यह है कि उपरोक्त विभाग(TADA) जिस पर्यटन मंत्रालय के अंतर्गत आता है उसके मंत्री श्री सतपाल महाराज है और उनके पुत्र सुयेश रावत ने इसमें आवेदन किया गया है और दूसरा बड़ा नाम टिहरी जिला पंचायत की अध्यक्षा के पतिदेव रघुनाथ सिंह साजवान जी (जो स्वयं भी जिला पंचायत के सदस्य हैं) ने भी आवेदन किया गया है, इन दोनों नमो के आने के बाद अन्य आवेदक जो टेक्निकल तौर पर तो पास हो गए लेकिन जब जिलाधिकारी कार्यालय में 28 अगस्त को इन सभी की प्रेजेंटेशन होगी उसमे सतपाल महाराज के पुत्र और जिलापंचायत अध्यक्षा के पति को साक्षात्कार लेने वाली समिति कैसे फेल करेगी क्योकि इस चयन समिति में जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी भी सदस्य होते हैं।
ऐसे में वँहा के स्थानीय लोग जो वर्षो से इस कार्य को कर रहे है उनको इस कार्य से मिलने वाले रोजगार का डर सता रहा है। सूत्रों की माने तो इस मामले को लेकर अन्य आवेदकों ने पारदर्शिता का हवाला देते हुए जिलाधिकारी टिहरी व मुख्यमंत्री धामी को शिकायती पत्र लिखा है और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से भी इसकी शिकायत की है ।