देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को कहा कि राज्य स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रदेश के लोगों और पर्यटकों से किए गए ‘नौ आग्रहों’ को राज्य सरकार विकास का आधार बनाएगी।
यहां जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड की बोली, भाषाओं के संरक्षण से लेकर पलायन तक पर चिंता जताकर प्रदेश के प्रति अपने लगाव को प्रदर्शित किया है और राज्य सरकार प्रधानमंत्री के ‘नौ आग्रहों’ को विकास का मूल मंत्र मानकर आगे बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री ने शनिवार को उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में प्रवेश करने के मौके पर दिए अपने वीडियो संदेश में प्रदेशवासियों से पांच तथा प्रदेश में आने वाले पयर्टकों और तीर्थयात्रियों से चार आग्रह किए थे।
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंडवासियों से अपनी पहचान के लिए आने वाली अपनी पीढ़ियों को गढ़वाली, कुमांउनी, जौनसारी आदि बोलियां सिखाने, पर्यावरण की रक्षा और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाने, अपने नौलों-धारों (जलस्रोतों) का संरक्षण करते हुए पानी की स्वच्छता के अभियान को गति देने, अपने गांव आते-जाते रहने और अपने पुराने घरों को ‘होम स्टे’ में बदलकर आय का साधन बनाने का आग्रह किया।
उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों से भी प्रधानमंत्री ने हिमालय में एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक से बचने, पहाड़ों में घूमने के दौरान ‘वोकल फॉर लोकल’ के तहत अपनी यात्रा का कम से कम पांच प्रतिशत खर्च स्थानीय उत्पादों को खरीदने, यातायात के नियम अपनाने और तीर्थस्थलों की मर्यादा का पालन करने की अपील की।
इस संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री के आग्रहों को नीतियों का आधार बनाएगी और इन सभी पर जनसहयोग के जरिए काम करेगी।