दिल्ली/देहरादून: मुख्यमंत्री सिंह पुष्कर धामी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को जोशीमठ (Joshimath) भू धंसाव (Land Subsidence) को लेकर रिपोर्ट सौंपी। उन्होंने प्रभावितों के राहत व बचाव के लिए उठाए गए फैसलों की जानकारी भी दी। भाजपा राष्ट्रीय कार्य समिति के दूसरे दिन शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय मंत्री शाह और नड्डा से अलग-अलग भेंट की। उन्होंने अब तक की रिपोर्ट केंद्रीय नेताओं के समक्ष रखी और बताया कि जिन घरों में दरारें आई थी, उनमें से 230 से ज्यादा परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है। उत्तराखंड सरकार की तरफ से फौरी तौर पर राहत के रूप में प्रभावित परिवारों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये भी रिलीज कर दिए हैं। वे खुद जोशीमठ में कैंप कर हालात का जायजा भी ले चुके हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय सचिव और कमिनश्नर भी मौके पर कैंप कर रहे हैं। प्रभावितों के लिए एक हजार अस्थायी भवन बनाए जा रहे हैं।
जबकि स्थायी पुनर्वास के लिए चार-पांच स्थानों पर जमीन चिन्हित करते हुए उनका भी ज्योलाजिकल सर्वे कराया जा रहा है। नड्डा ने मुख्यमंत्री धामी को प्रभावितों की हर समस्या को संवेदनशीलता से लेने के निर्देश दिए। उधर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने भी राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा से मुलाकात की और संगठन की तरफ से भी उन्हें रिपोर्ट सौंपी। भट्ट ने बताया कि भू धंसाव तेजी से होने के बाद पार्टी ने 14 सदस्यीय टीम मौके पर भेजी थी। इसके साथ ही कई दिनों तक वे भी प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के बीच में रहे। उन्होंने संगठन की तरफ से किए गए कार्यों की जानकारी भी दी।
मुख्य सचिव आज वैज्ञानिकों के साथ करेंगे मंथन
जोशीमठ में अब तक के सर्वेक्षण और भावी तैयारियों के लिए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु बुधवार को सभी शोध संस्थानों के निदेशक और उनके प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे। वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए वैज्ञानिकों से अब तक की स्थिति की जानकारी ली जाएगी।
जेपी कालोनी में ध्वस्त होंगे 15 मकान
आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि जेपी कालोनी में 15 मकान खतरनाक ढंग से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इनके ध्वस्तीकरण के निर्देश दिए जा चुके हैं। इनका ध्वस्तीकरण भी वैज्ञानिक तरीके से चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक जोशीमठ में 849 दरारग्रस्त भवन चिह्नित हो चुके हैं। जबकि 167 मकान आपदा ग्रस्त क्षेत्र में हैं। आज 13 और परिवारों को आपदा प्रभावित क्षेत्र से हटाकर सुरक्षित राहत कैंपों में शिफ्ट कर दिया गया है।