लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूल के शिक्षकों को छात्रों से 15 मिनट पहले स्कूलों में पहुंचना अनिवार्य होगा. साथ ही शिक्षण अवधि के बाद कम से कम 30 मिनट उपस्थित रहकर रजिस्टर और अन्य चीजें अपडेट करनी होंगी और अगले दिन की क्लास की रूपरेखा तैयार करनी होगी. यह जानकारी राज्य सरकार ने शुक्रवार को दी. बताया जा रहा है कि राज्य सरकार के इस कदम से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित हो सकेगी.
सरकार की ओर से जारी निर्देश में साप्ताहिक कैलेंडर का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाना है. इसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों में सीखने का माहौल स्थापित करना है, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान हो सकेगी. यदि शैक्षणिक कैलेंडर में निर्धारित समय सारिणी का पालन सुनिश्चित नहीं होता है तो इसकी पूर्ति के अतिरिक्त क्लास की व्यवस्था करनी होगी.
शिक्षक सर्वे नहीं करेंगे
वहीं, स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिया गया है कि कक्षाओं के दौरान रैलियां, प्रभात फेरी या सेमिनार जैसी कोई गतिविधियों का आयोजन नहीं होगा. साथ ही शिक्षक किसी भी विभाग का हाउस होल्ड सर्वे नहीं करेंगे. बता दें कि चुनाव, मतगणना, पल्स पोलियो अभियान जैसे तमाम कार्यों में शिक्षकों की अक्सर ड्यूटी लगती रहती थी, जिससे स्कूल का पठन-पाठन बाधित होता था. इसको लेकर कई बार शिक्षकों ने अपना विरोध जताया था.
समय सारिणी के पालन के संबंध में मांगी गई रिपोर्ट
स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद के अनुसार, स्कूलों में शैक्षणिक कार्य के लिए टाइम टेबल और असाइनमेंट संतोषजनक नहीं पाए जाने के कारण यह आदेश जारी किया गया है. राज्य के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से 20 नवंबर तक स्कूलों में पढ़ाई के घंटे सहित सभी शैक्षणिक कार्यों के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है.