बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एटीएम से हेराफेरी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां ठगों के एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश हुआ है जो चिपकने वाला फेवी क्विक डालकर लोगों के एटीएम से पैसा निकाल लेते थे. पुलिस ने दो ठगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी बिहार के रहने वाले हैं. यह शातिर साइबर ठग उत्तर प्रदेश के कई जिलों के साथ बिहार में भी कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. पुलिस ने इनके कब्जे से कई लोगों के अलग-अलग बैंकों के एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, साढ़े तीन लाख रुपए कैश और घटनाओं को अंजाम देने वाले उपकरण भी बरामद किए हैं. बाराबंकी सर्विलांस और नगर कोतवाली पुलिस टीम ने सतीश कुमार और चन्दन कुमार नाम के इन दो शातिर साइबर लुटेरों को कुरौली से गिरफ्तार किया है. यह दोनों बिहार के जमुई थाना क्षेत्र में सिकंदरा के निवासी हैं. बाराबंकी के अपर पुलिस अधीक्षक आशुतोष मिश्रा ने इन दोनों के कारनामों का खुलासा किया है.
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शातिर ठग! ATM में फेवी क्विक डालकर उड़ाते थे कैश, शातिरों की इस अनोखी टेक्निक ने पुलिस के भी उड़ाये होश#UttarPradesh #TIME8 pic.twitter.com/M6ckyohysN— rider (@rid__er) August 11, 2023
गिरफ्तार ठगों ने 7 जुलाई को फतेहपुर कस्बे में इसरत जहां नाम की महिला का एटीएम कार्ड बदल कर खाते से रुपए निकाल लिए थे. 26 जुलाई को प्रभात चन्द्र की मां का एटीएम कार्ड मशीन में फंस जाने के बाद, उनके खाते से पैसे निकाल लिए थे. मामले में दर्ज मुकदमे के बाद जब पुलिस जांच में जुटी तो उसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ. एएसपी के मुताबिक यह ठग एटीएम में फेवी क्विक डालकर पैसे निकालने वाले ग्राहकों को बड़े ही शातिर तरीके से अपना निशाना बनाते थे. एएसपी के मुताबिक सतीश कुमार और चन्दन कुमार ने पूछताछ में बताया कि यह लोग ज्यादातर कम पढ़े लिखे और ग्रामीणों को निशाना बनाते थे.
ये ठग लोगों का एटीएम कार्ड बदलकर या एटीएम मशीन में कार्ड एंटर करने की जगह पर सिरिंज से फेवी क्विक लगा देते थे. साथ ही एटीएम मशीन के ऊपर सहायता प्राप्त करने के लिए अपने मोबाइल नंबरों को मार्कर से लिख देते थे. दोनों ने बताया कि जब किसी ग्राहक का एटीएम कार्ड मशीन में चिपक जाता था तो दोनों में से एक एटीएम में जाता था. वो ग्राहक से उसकी परेशानी पूछता था और सहायता के लिए एटीएम मशीन पर मार्कर से लिखे नंबरों को डायल करने को कहता था. बाहर खड़ा उसका दूसरा साथी ग्राहक से मोबाइल कॉल पर ही उसके एटीएम की पूरी डिटेल और पिन नंबर समेत बाकी जानकारियां ले लेता था.
एएसपी ने बताया कि फोन पर वह ग्राहक को टेक्नीशियन को भेजने का आश्वासन देता था. लेकिन काफी देर तक टेक्नीशियन के न आने पर ग्राहक परेशान होकर चला जाता था. तब दोनों में से एक शख्स एटीएम के अन्दर जाता था और चाकू, प्लास समेत बाकी चीजों से एटीएम कार्ड निकाल कर उसी एटीएम कार्ड का प्रयोग करके खाते से ऑनलाइन शापिंग करते थे और कैश निकाल लेते थे. आरोपियों ने कानपुर नगर, लखनऊ, उन्नाव, बनारस, प्रयागराज, रायबरेली और अन्य जिलों के साथ बिहार में भी घटनाओं को अंजाम दिया.
पुलिस अन्य घटनाओं की छानबीन करने में जुटी है. पुलिस ने इनके कब्जे से दूसरे ग्राहकों के 14 एटीएम कार्ड, 3 मोबाइल फोन, 6 सिम कार्ड, इंडिगो कार, 3,49,800 नगद रुपए, वारदात को अंजाम देने वाले फेवी क्विक, डिस्पोजल सिरिंज, पेचकस, प्लास और दूसरे उपकरण बरामद किए हैं. एसपी आशुतोष मिश्र ने बताया कि बिहार में डिस्ट्रीब्यूटर एक हजार रुपए में दूसरे के नाम का सिम उपलब्ध कराता है. यह दोनों उसी सिम का इस्तेमाल करते थे.